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इस साल 17 बच्चों को मिलेगा प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार, वीर बाल दिवस पर राष्ट्रपति मुर्मू करेंगी सम्मानित

 

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वीर बाल दिवस पर 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के कुल 17 बच्चों को सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार समारोह में 7 श्रेणियों में उल्लेखनीय योगदान के लिए 7 लड़कों और 10 लड़कियों को सम्मानित किया जाएगा।

 

इस साल 17 बच्चों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार मिलेंगे। इस साल यह पुरस्कार गणतंत्र दिवस की जगह वीर बाल दिवस पर दिए जाएंगे। वीर बाल दिवस पर बच्चों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। यह पुरस्कार राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 17 बच्चों को प्रदान करेंगी। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उपस्थित होंगे। पीएम मोदी “सुपोषित पंचायत योजना” का उद्घाटन करेंगे।

26 दिसबंर को वीर बाल दिवस children day 

 

केंद्रीय महिला एवं बाल कल्याण मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक बयान जारी करते हुए जानकारी दी कि भारत के बच्चों की उपलब्धियों और सामर्थ्य को सम्मानित करने के लिए 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाया जाएगा। इस अवसर पर देशभर में विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जाएंगी, जिनमें 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के कुल 17 बच्चों को सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार समारोह में 7 श्रेणियों में उल्लेखनीय योगदान के लिए 7 लड़कों और 10 लड़कियों को सम्मानित किया जाएगा। यह कार्यक्रम बच्चों के संघर्ष, उनकी मेहनत और सफलता को सराहने का एक महत्वपूर्ण अवसर होगा। सूची का विस्तृत विवरण अधिकारिक वेबसाइट जिसका लिंक –राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग NCPCR

 

पीएम मोदी भी रहेंगे उपस्थित

पुरस्कार प्राप्त करने वाले बच्चों को एक पदक, सर्टिफिकेट और प्रशस्ति पत्र प्रदान किए जाएंगे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगे। प्रधानमंत्री मोदी इस कार्यक्रम में “सुपोषित पंचायत योजना” का उद्घाटन करेंगे, जिसका उद्देश्य स्थानीय स्तर पर पोषण सुरक्षा को सुदृढ़ बनाना है। कार्यक्रम के दौरान बच्चों द्वारा विभिन्न संस्कृतियों का प्रतिनिधित्व करते हुए एक मार्च पास्ट का आयोजन किया जाएगा। इस समारोह में 3500 बच्चे भाग लेंगे, जो भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करते हुए सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देंगे। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पोषण सुरक्षा को मजबूती से बढ़ावा देना है।

 26 दिसंबर को क्यों मनाया जाता है वीर बाल दिवस children day speech 

 

वीर बाल दिवस हर साल 26 दिसंबर को मनाया जाता है।

वीर बाल दिवस का इतिहास

सिख धर्म के दसवें गुरु श्री गोविंद सिंह के चार बेटे थे, अजीत सिंह, जुझार सिंह, जोरावर सिंह और फतेह सिंह। साल 1699 में गोविंद सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की और ये चारों साहिबजादे खालसा का हिस्सा रहे।

साल 1705 की बात है, पंजाब में उस समय मुगलों का शासन हुआ करता था। मुगल गुरु गोविंद सिंह को पकड़ने के लिए पूरा जोर लगा रहे थे। इसी जद्दोजहद में गुरू गोविंद अपने परिवार से बिछड़ गए। उनकी पत्नी माता गुजरी अपने बेटों बाबा जोरावर सिंह, बाबा फतेह सिंह और रसोइए गंगू के साथ किसी गुप्त स्थान पर चली गईं। तब बाबा जोरावर मात्र 7 साल के थे और बाबा फतेह की उम्र 9 साल थी। लालच के चलते रसोइए गंगू ने सरहिंद के नवाब वजीर खां के हाथों उन सभी को पकड़वा दिया। उस समय तक बाबा अजीत सिंह और बाबा जुझार सिंह मुगलों से जंग के दौरान शहीद हो चुके थे।

नवाब वजीर खां ने माता गुजरी और दोनों छोटे साहिबजादों पर बहुत अत्याचार किए और धर्म बदलने के लिए कहा लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया। तब वजीर खान ने दोनों साहिबजादों को दीवार में जिंदा चुनवा दिया।उस दिन 26 दिसंबर की तारीख थी। जब ये बात माता गुजरी को पता चली तो उन्होंने भी अपने प्राण त्याग दिए। उनकी शहादत का सम्मान करने के लिए भारत सरकार ने साल 2022 में घोषणा की थी कि 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाया जाएगा।


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वीर बाल दिवस का महत्व

26 दिसंबर 1705 को बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह की शहादत हुई थी। साल 2022 से वीर बाल दिवस को अंतिम सिख गुरु गोबिंद सिंह के चार साहिबजादों के बलिदान को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। वीर बाल दिवस भारतीय इतिहास के गौरवशाली अध्याय को याद करने का एक मौका देता है और आने वाली पीढ़ियों को सच्चाई और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देने के लिए मनाया जाता है।

इस दिवस का महत्व:

1. साहिबजादों का बलिदान: साहिबजादा जोरावर सिंह (9 वर्ष) और साहिबजादा फतेह सिंह (7 वर्ष) ने धर्म और सिद्धांतों की रक्षा के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया। उन्हें मुग़ल शासक द्वारा जीवित दीवार में चुनवा दिया गया था।

2. धार्मिक स्वतंत्रता का संदेश: यह दिवस हमें धर्म, स्वतंत्रता और नैतिकता के प्रति अपने कर्तव्यों को निभाने की प्रेरणा देता है।

3. प्रधानमंत्री की घोषणा: 2021 में, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी।

वीर बाल दिवस कैसे मनाते हैं:

  • गुरुद्वारों में विशेष कीर्तन और अरदास का आयोजन।
  • बच्चों और युवाओं को साहिबजादों के बलिदान की कहानी सुनाना।
  • समाज में वीरता, निष्ठा और धर्म के प्रति समर्पण का प्रचार करना।

यह दिवस हमें अपने बच्चों को साहिबजादों के बलिदान की कहानी से प्रेरित करने और सच्चाई के रास्ते पर चलने का संदेश देता है।

 

 

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