Jalore Sirohi member of parliament strict in meeting

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सासंद  मीटिंग में सख्ती से आए पेश ,अधिकारियों की कार्यशैली पर जताई कड़ी नाराज़गी

 

सांसद लुंबाराम चौधरी ने हाल ही में जालोर में आयोजित जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक में अधिकारियों की कार्यशैली पर कड़ी नाराज़गी जताई। उन्होंने जल जीवन मिशन, सड़क निर्माण, बांध निर्माण, और टॉवर लगाने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर अधिकारियों को फटकार लगाई और कार्यों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं करने की चेतावनी दी।

सांसद चौधरी ने विशेष रूप से जल जीवन मिशन के तहत कार्य कर रहे ठेकेदारों द्वारा सड़कों को तोड़ने, पाइप लाइनों के टूटे होने, और टंकियों में लीकेज जैसी समस्याओं पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने ऐसे ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट करने और उन पर पेनल्टी लगाने के निर्देश दिए। साथ ही, अधिकारियों को पूर्ण तैयारी के साथ बैठकों में उपस्थित होने और राजकीय कार्यों में लापरवाही न करने की सख्त हिदायत दी।

बैठक में जिला प्रमुख अर्जुनराम पुरोहित, विधायक समाराम गरासिया, जिला कलेक्टर अल्पा चौधरी, पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार सहित अन्य जनप्रतिनिधि और अधिकारी उपस्थित थे। सांसद ने विकास कार्यों को गति देने, स्वीकृत लेकिन प्रारंभ न हुए कार्यों को समय सीमा में पूर्ण करने, और विभिन्न विभागों में नियम विरुद्ध हुए कार्यों की जांच के निर्देश भी दिए।

इसके अतिरिक्त, अवैध खनन पर कार्रवाई, पर्यावरण सुरक्षा के लिए पौधरोपण, और सड़कों की स्थिति सुधारने के निर्देश भी बैठक में दिए गए। जिला कलेक्टर अल्पा चौधरी ने विभिन्न योजनाओं की जानकारी देते हुए अधिकारियों को आपसी समन्वय के साथ निर्धारित समय सीमा में कार्य पूर्ण करने और स्वयं फील्ड विजिट कर मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए।


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जालोर सिरोही संसदीय क्षेत्र

जालोर-सिरोही लोकसभा क्षेत्र, राजस्थान का एक प्रमुख क्षेत्र है, जो अपनी सांस्कृतिक विरासत, प्राकृतिक सौंदर्य और चुनौतियों के लिए जाना जाता है। इस क्षेत्र की मुख्य समस्याएं निम्नलिखित हैं:

1. पेयजल की समस्या

  • इस क्षेत्र में पानी की भारी कमी है, खासकर गर्मी के मौसम में।
  • भूमिगत जल स्तर बहुत नीचे है, और जल स्रोत सीमित हैं।
  • नर्मदा परियोजना का धीमा क्रियान्वयन एक प्रमुख चुनौती है।

2. कृषि और सिंचाई

  • क्षेत्र में बारिश की अनियमितता के कारण कृषि कठिनाई में है।
  • सिंचाई के लिए पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं।
  • किसानों को आधुनिक तकनीकों और संसाधनों की कमी है।

3. सड़कों और परिवहन का अभाव

  • ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कें खराब स्थिति में हैं।
  • सार्वजनिक परिवहन के साधनों की कमी है, जिससे लोगों को आवाजाही में परेशानी होती है।

4. शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी

  • उच्च शिक्षा के लिए संस्थान सीमित हैं।
  • स्वास्थ्य सेवाओं में डॉक्टरों और अस्पतालों की कमी है।
  • प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की हालत खराब है।

5. बेरोजगारी

  • क्षेत्र में रोजगार के सीमित अवसर हैं।
  • औद्योगिक विकास की कमी से युवाओं को बड़े शहरों की ओर पलायन करना पड़ता है।

6. पर्यावरण और वन संरक्षण

  • अरावली की पहाड़ियों और वन क्षेत्रों में अवैध खनन बड़ा मुद्दा है।
  • वनों का लगातार कटाव और पर्यावरण का क्षरण चिंता का विषय है।

7. सामाजिक समस्याएं

  • महिला सशक्तिकरण और बालिका शिक्षा की स्थिति कमजोर है।
  • जातीय और सामाजिक असमानताएं अभी भी प्रचलित हैं।
  • इन समस्याओं का समाधान करने के लिए सरकार, स्थानीय प्रशासन, और नागरिकों को मिलकर प्रयास करना होगा। साथ ही, बेहतर जल प्रबंधन, कृषि सुधार, और बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित करना अनिवार्य है।

जालोर-सिरोही लोकसभा क्षेत्र के विकास के लिए कई योजनाएं और परियोजनाएं लागू की गई हैं या प्रस्तावित हैं। यहां उन प्रमुख योजनाओं का उल्लेख किया गया है जो क्षेत्र के विकास में मदद कर सकती हैं:


1. जल आपूर्ति और सिंचाई परियोजनाएं

नर्मदा नहर परियोजना:

  • पेयजल और सिंचाई के लिए नर्मदा नदी से जल लाने की योजना।
  • क्षेत्र के सूखे और जल संकट को कम करने में सहायक।

जल जीवन मिशन:

  • हर घर में नल से जल पहुंचाने की योजना।
  1. ग्रामीण इलाकों में पेयजल की आपूर्ति सुधारने के उद्देश्य से।

रेन वाटर हार्वेस्टिंग अभियान:

  • बारिश के पानी को संरक्षित करने और भूजल स्तर को सुधारने की पहल।

2. सड़क और बुनियादी ढांचे का विकास

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY):

  • ग्रामीण क्षेत्रों को सड़कों से जोड़ने के लिए।
  • सड़कों के सुधार और नए मार्गों के निर्माण पर जोर।

राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाएं:

  • क्षेत्र में बेहतर सड़क नेटवर्क विकसित करना।
  • जालोर और सिरोही के बीच तेज और सुरक्षित यातायात की सुविधाएं

3. कृषि और किसान कल्याण

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-KISAN):

  • किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करना।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना:

  • फसल क्षति से किसानों को सुरक्षा देना।
  • क्षेत्र में फसल उत्पादन की अनिश्चितता को कम करना।

मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना:

  • किसानों को भूमि की गुणवत्ता समझने और उपज बढ़ाने में मदद करना।

4. शिक्षा और कौशल विकास

सर्व शिक्षा अभियान:

  • क्षेत्र में शिक्षा के स्तर को सुधारना।
  • बालिका शिक्षा को बढ़ावा देना।

प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY):

युवाओं को कौशल प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर प्रदान करना।

  • आदर्श विद्यालय और महाविद्यालय परियोजनाएं:
  • उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए।

 

5. स्वास्थ्य सेवाओं का सुधार

आयुष्मान भारत योजना:

  • गरीब परिवारों को मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM):

  • क्षेत्र के प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों का उन्नयन।
  • महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान।

6. महिला और बाल कल्याण

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना:

  • बालिकाओं की शिक्षा और उनके प्रति जागरूकता को बढ़ावा देना।

राष्ट्रीय पोषण मिशन (POSHAN Abhiyaan):

  • महिलाओं और बच्चों में पोषण स्तर को सुधारना।

7. औद्योगिक और आर्थिक विकास

मेक इन इंडिया और स्टार्टअप इंडिया:

  • क्षेत्र में छोटे उद्योगों और स्टार्टअप को बढ़ावा देना।
  • युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करना।

खादी और ग्रामोद्योग आयोग योजनाएं:

  • ग्रामीण कारीगरों को सहायता और उनके उत्पादों के विपणन में मदद।

8. पर्यावरण संरक्षण योजनाएं

ग्रीन इंडिया मिशन:

  • वनीकरण और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना।
  • अरावली की पहाड़ियों को बचाने की पहल।

स्वच्छ भारत मिशन:

  • गांवों और शहरों में स्वच्छता अभियान 

इन योजनाओं का कुशलता से क्रियान्वयन और सतत निगरानी क्षेत्र के विकास में निर्णायक भूमिका निभा सकती है। जनता की सक्रिय भागीदारी और जागरूकता भी महत्वपूर्ण है।


 

 

 

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