जिले को रद्द करने का मामला पहुंचा हाईकोर्ट, विधायक ने दायर की याचिका
Rajasthan District News: राजस्थान में जिले समाप्त करने से संबंधित विवाद अब हाईकोर्ट तक पहुंचने लगे हैं। इधर, जिले समाप्त होने के निर्णय को लेकर राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में केविएट दायर कर रखी है।

Rajasthan District News: जयपुर। गंगापुर सिटी जिले समाप्त करने से संबंधित विवाद हाईकोर्ट पहुंचने लगे हैं। गंगापुर सिटी जिला समाप्त होने के खिलाफ याचिका दायर हो चुकी और उसकी कॉपी राज्य सरकार को मिल चुकी है। आने वाले सप्ताह में सुनवाई की तारीख तय हो सकती है। याचिका दायर होने के कारण 8 जनवरी की महापंचायत भी स्थगित कर दी गई है।
जिले समाप्त होने के निर्णय को लेकर राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में केविएट दायर कर रखी है, जिसके कारण याचिका दायर होने पर राज्य सरकार को सुने बिना हाईकोर्ट से एकपक्षीय आदेश नहीं हो सकता।

विधायक ने दायर की याचिका
इस बीच गंगापुर सिटी जिला समाप्त होने के खिलाफ विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष तथा विधायक रामकेश मीना व सात अन्य लोगों की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है।
सरकार ने राजनीतिक द्वेषतावंश लिया निर्णय -विधायक
विधायक ने अपनी याचिका में कहा कि रामलुभाया कमेटी की सिफारिश के आधार पर वर्ष 2023 में जिला बनाया गया। वर्तमान सरकार पर राजनीतिक द्वेष के कारण जिला समाप्त करने का आरोप लगाया गया है।
प्रतिकूल असर पड़ेगा विकास पर:
साथ ही, कहा कि जिला समाप्त होने से स्थानीय विकास प्रभावित होगा। ऐसे में जिला समाप्त किए जाने की अधिसूचना को रद्द किया जाए और गंगापुरसिटी का जिले का दर्जा बहाल किया जाए।
उग्र हो सकता विरोध :
जिले समाप्त होने को लेकर कई जगह से विरोध शुरू होने की जानकारी आ रही है। आने वाले दिनों में विरोध और तेज हो सकता है।
घटनाक्रम एक नजर
राजस्थान सरकार ने हाल ही में 17 नए जिलों में से 9 को समाप्त करने का निर्णय लिया है, जिससे राज्य में अब कुल 41 जिले रह गए हैं।
इस निर्णय के विरोध में सांचौर , अनूपगढ़,सीकर और नीमकाथाना में प्रदर्शन हुए। सीकर में बाजार बंद रखा गया, जबकि नीमकाथाना में एक युवक ने आत्मदाह की चेतावनी दी।
भाजपा ने आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने अपनी पार्टी और निर्दलीय विधायकों को खुश करने के लिए नए जिले बनाए थे।
वर्तमान सरकार ने इन जिलों को समाप्त करते हुए कहा कि यह निर्णय जनहित में नहीं था। इस निर्णय के बाद, राज्य में अब सात संभाग और 41 जिले रह गए हैं।
सरकार का मानना है कि यह संरचना प्रशासनिक दृष्टि से अधिक व्यावहारिक और जनहितैषी है। इस बीच, भाजपा में संगठनात्मक चुनाव प्रक्रिया चल रही है, जिसमें 41 जिलों में नए जिलाध्यक्षों की नियुक्ति की जाएगी।
इस निर्णय के बाद विभिन्न जिलों में विरोध प्रदर्शन और राजनीतिक बयानबाजी जारी है। सरकार का कहना है कि यह कदम राज्य के प्रशासनिक ढांचे को मजबूत करने के लिए उठाया गया है।
यह भी पढ़ें: