पत्नियों द्वारा पीड़ित पतियों ने निकाली रैली: बयां की अपनी दास्तां ,आईटी प्रोफेशनल्स से लेकर सेना के जवान शामिल 76 हजार पुरुष जुड़े संगठन में
अहमदाबाद। अपनी पत्नियों से पीड़ित पतियों ने मंगलवार को रैली निकाली और अपने दुख साझा किए। इस रैली में आईटी पेशेवर, सैन्यकर्मी से लेकर युवा व्यवसायी तक शामिल थे। रैली के दौरान हाल ही में सुसाइड करने वाले बेंगलुरू के अतुश सुभाष को श्रद्धांजलि भी दी गई।गौरतलब है कि अतल सभाष 1 दिसंबर 2024 को बेंगलरु में अपने आवास पर मृत पाए गए थे। उन्होंने अपनी पत्नी के खिलाफ कई आरोप लगाते हुए एक नोट और वीडियो छोड़ा था, जिसके बाद पुलिस ने उनकी पत्नी, पत्नी के भाई और मां को गिरफ्तार किया था।

अपनी रोजी रोटी छोड़कर महीने में तीन बार कोर्ट जाना पड़ रहा है
अहमदाबाद में रहने वाले और अपनी पत्नी से परेशान पीड़ित पति ने बताया, करीब तीन साल पहले मेरी शादी मेरे ही समुदाय की लड़की से हुई थी और शादी के करीब एक साल बाद मेरी पत्नी अपने मायके चली गई। उसने मेरे और मेरे परिवार के खिलाफ दहेज, मारपीट जैसे कई केस दर्ज करा दिए। मेरी एक बेटी भी है, जो पत्नी के साथ रहती है। पत्नी ने मेरे खिलाफ बरवाला, बोटाद में मामले दर्ज करवाए हैं।इसलिए मुझे महीने में दो-तीन बार अहमदाबाद में अपना काम छोड़कर बरवाला जाना पड़ता है। हमारी शादी टूटने का मुख्य कारण उसका परिवार और उसके सहकर्मी हैं। क्योंकि जब वह अविवाहित थी, तो पूरे घर का नियंत्रण उसी के हाथ में था और वह हमारे घर में भी वैसा ही व्यवहार करती थी। इसे लेकर घर में रोजाना कलह होती थी। मैंने पत्नी को समझाने की बहुत कोशिश की, लेकिन वह नहीं मानी।
मेरी पत्नी ने हमें छोड़ दिया
भारतीय सेना के सैनिक भी पत्नी के उत्पीड़न का शिकार हैं। उन्होंने कहा- मेरी पत्नी ने मेरे खिलाफ दहेज का मामला दर्ज कराया है और मेरे 7 साल के बेटे को भी छोड़ दिया है और अब मांग कर रही है कि घर उसके नाम पर कर दिया जाए। साथ ही मेरा आधा वेतन उसे दिया जाए। मेरे पिता नहीं हैं, इसलिए मेरी मां मेरे साथ रहती हैं।लेकिन, पत्नी उनसे अलग रहना चाहती है। लेकिन एक बेटे के रूप में, जिसके पिता नहीं हैं, यह मेरा कर्तव्य है कि मैं अपनी मां को अपने साथ रखूं। वह अपने बेटे को बिना बताए ही उसे छोड़कर चली गई। अब मैं नौकरी, घर की जिम्मेदारियों के साथ कोर्ट के भी चक्कर काट रहा हू।

दूसरे आदमी के साथ रहने लगी मेरी पत्नी
अहमदाबाद के एक युवा आईटी पेशेवर ने कहा- हमने 6 साल पहले लव मैरिज की थी। शादी के करीब तीन साल बाद पत्नी को अपने ऑफिस में एक सहकर्मी से प्यार हो गया। इतना ही नहीं, वह हमारे बच्चे को भी अपने साथ ले गई और अब उसी व्यक्ति के साथ रह रही है। करीब 6 महीने पहले उसने मेरे खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है कि मेरा पति मुझे प्रताड़ित करता है।जबकि, वह पिछले एक साल से मेरे साथ नहीं रह रही है और मुझे परेशान करने के लिए मेरे खिलाफ केस दर्ज करवा दिया है। वह मुझे मेरे बेटे से भी मिलने नहीं देती। जब मैं अपनी पत्नी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने पुलिस स्टेशन गया था, तब मेरे ससुराल वाले भी मेरे पक्ष में थे। लेकिन अब एक साल हो गया है, लेकिन वह किसी की नहीं सुनती है।
पीड़ित पत्तियों के संगठन में अब तक 76 हजार पुरुष शामिल
दशरथभाई देवड़ावाइफ एब्यूज्ड मेन्स एसोसिएशन के अध्यक्ष दशरथभाई देवड़ा ने कहा कि पत्नियों के खिलाफ और पत्नी-समर्थक कानूनों के कारण हजारों पुरुष प्रताड़ित हो रहे हैं और आत्महत्या के लिए मजबूर हो रहे हैं। ऐसी स्थिति में अगर कोई पुरुष अपनी पत्नी की प्रताड़ना के कारण आत्महत्या करता है, तो उसकी पत्नी को सख्त सजा दी जानी चाहिए। हमारी सरकार से मांग है कि पुरुषों को भी समान अधिकार दिए जाएं। इस संगठन से देशभर के 76 हजार से अधिक पुरुष जुड़े हुए हैं, जिनमें गुजरात के भी बड़ी संख्या में पुरुष शामिल हैं।