बालोतरा के समीपवर्ती बुड़ीवाड़ा ग्राम में आयोजित एक निजी समारोह में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर, मासूम बालक मूलाराम के आग्रह पर उसके निवास स्थान पहुंच गए तथा बालक की हार्दिक इच्छा पूरी की। शिक्षा मंत्री ने परिवारजनों से सौहार्दपूर्ण भेंट की तथा मूलाराम से उसके भविष्य के सपनों एवं आकांक्षाओं पर विस्तृत चर्चा की। उसे शैक्षणिक उत्कृष्टता प्राप्त करने हेतु पूर्ण मनोयोग से अध्ययन करने के लिए प्रेरित एवं प्रोत्साहित किया। शिक्षा मंत्री ने बताया कि बच्चे वास्तव में साक्षात् ईश्वर का स्वरूप हैं। उनकी निर्मल मुस्कान में अपार शक्ति एवं संभावनाएं निहित हैं।हमारी राजस्थान सरकार प्रदेश के प्रत्येक बालक एवं बालिका के समग्र विकास के लिए कृत संकल्पित है।

हाल ही में राजस्थान सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने शिक्षा के क्षेत्र में कई नवाचार और सुधारात्मक कदम उठाए हैं:
एजुकेशन प्री-समिट 2024: जयपुर में आयोजित इस सम्मेलन में शिक्षा को रोजगारोन्मुख बनाने और गुणवत्ता सुधारने पर चर्चा की गई। डिजिटल शिक्षा, स्मार्ट क्लासरूम, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), वर्चुअल रियलिटी (VR), और एडटेक जैसी तकनीकों को सरकारी स्कूलों में शामिल करने की योजनाएं बनाई गईं। इसका उद्देश्य राज्य की शिक्षा को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना है।
प्री-प्राइमरी और प्राइमरी शिक्षा पर फोकस: राज्य के 402 पीएम श्री विद्यालयों में प्री-प्राइमरी कक्षाएं शुरू की गई हैं। साथ ही, 134 सीबीएसई मॉडल स्कूलों में प्राइमरी शिक्षा आरंभ हुई है। यह बच्चों की शिक्षा नींव को मजबूत बनाने का प्रयास है।
“प्रखर राजस्थान” अभियान: कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों में पठन कौशल और अवधारणाओं की समझ विकसित करने के लिए यह अभियान शुरू किया गया है। यह कार्यक्रम छात्रों की पढ़ाई में गहराई और गुणवत्ता लाने का प्रयास करता है।
कौशल विकास पर जोर: युवाओं को रोजगारोन्मुख बनाने के लिए कौशल विकास को प्राथमिकता दी गई। विभिन्न योजनाओं और तकनीकी सुधारों से छात्रों को जीवन उपयोगी कौशल सिखाने का प्रयास किया जा रहा है।
इन योजनाओं का उद्देश्य राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारना, ड्रॉपआउट दर को कम करना, और युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना है। इससे राजस्थान शिक्षा के क्षेत्र में नई पहचान बना रहा है।
शिक्षा मंत्री जी द्वारा बहुत अच्छा सराहनीय कार्य किया जा रहा है 🙏🙏🏆🏆🇳🇪🇳🇪🇳🇪