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यूजीसी ने विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में शिक्षकों और अन्य शैक्षणिक कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए न्यूनतम योग्यता में किया संशोधन, मांगे सुझाव

ugc draft 2025

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नई दिल्ली।यूजीसी ने विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में शिक्षकों और अन्य शैक्षणिक कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए न्यूनतम योग्यता और उच्च शिक्षा में मानकों के रखरखाव के उपायों पर यूजीसी विनियमों को संशोधित किया है।

2018 और एक मसौदा यूजीसी (विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में शिक्षकों और शैक्षणिक कर्मचारियों की नियुक्ति और पदोन्नति के लिए न्यूनतम योग्यता और उच्च शिक्षा में मानकों के रखरखाव के उपाय) विनियम 2025 और कैडर अनुपात, परिवीक्षा और पुष्टि की अवधि, छुट्टियां , शिक्षण दिवस, शैक्षणिक अनुसंधान और प्रशासनिक प्रतिबद्धताएं, वरिष्ठता और शिक्षकों के लिए व्यावसायिक नैतिकता संहिता और विश्वविद्यालयों तथा कॉलेजों में अन्य शैक्षणिक कर्मचारीयों से संबंधित मसौदा विनियम और दिशानिर्देश माननीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान जी द्वारा 6 जनवरी, 2025 को लॉन्च किए गए थे।

मसौदा विनियम और दिशानिर्देश सार्वजनिक परामर्श के लिए यूजीसी वेबसाइट पर अपलोड किए गए हैं। जिसमें अनुरोध किया गया हूं कि 5 फरवरी को या उससे पहले मसौदा विनियमों पर अपनी बहुमूल्य प्रतिक्रिया साझा करें। अपने सुझाव इस अधिकारिक वेबसाइट पर जाकर साझा करें

regulations@ugc.gov.in

UGC ने कोलेज सहायक प्रोफेसर के लिए शैक्षणिक योग्यता में दिया शिथिलन

NET Compulsory end

नई दिल्ली. उच्च शिक्षा से जुड़े शिक्षक को अब उच्च शिक्षण संस्थाओं में सहायक प्रोफेसर बनने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की नेट (एनईटी) पास करने की जरूरत नहीं होगी। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने उच्च शिक्षण संस्थाओं में फैकल्टी रिक्रूटमेंट और प्रमोशन के लिए यूजीसी की गाइडलाइंस जारी की हैं। जिसके तहत् यूजीसी आगामी 5 फरवरी के बाद गाइडलाइंस लागू कर सकती है। अभी लागू यूजीसी गाइडलाइंस के अनुसार, असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए अभ्यर्थी को उसी सब्जेक्ट से नेट क्वालिफाई होना जरूरी था, जिस सब्जेक्ट से स्नातकोत्तर (पीजी) किया हो। अब पीएचडी किए अभ्यर्थी भी असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए अप्लाई कर सकेंगे।

ड्राफ्ट गाइडलाइंस के अनुसार, अब किसी उच्च शिक्षण संस्थान में वाइस चांसलर बनने के लिए अभ्यर्थी के पास 10 वर्ष के शिक्षण अनुभव की अनिवार्यता को भी समाप्त कर दिया गया है।

वीसी की नियुक्ति के लिए यूनिवर्सिटी चांसलर एक कमेटी का गठन करेंगे, जो अंतिम फैसला लेगी।अपने फील्ड के ऐसे एक्सपर्ट, जो सीनियर लेवल पर काम करने का 10 साल का अनुभव रखते हों और जिनका ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा हो, वे वाइस चांसलर के लिए आवेदन कर सकेंगे।

नए दिशा निर्देशों के संबंध में यूजीसी के चेयरमैन एम. जगदीश कुमार का कहना है कि नए नियम बहुविषयक पृष्ठभूमि से फैकल्टी चुनने में मदद करेंगे। इन नियमों का उद्देश्य उच्च शिक्षा में लचीलेपन को बढ़ाना है।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC)

भारत में उच्च शिक्षा के मानकों के समन्वय, निर्धारण और रखरखाव के लिए जिम्मेदार एक सांविधिक निकाय है। यह आयोग 1956 में संसद के एक अधिनियम के तहत स्थापित किया गया था। UGC का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है, और इसके छह क्षेत्रीय केंद्र पुणे, भोपाल, कोलकाता, हैदराबाद, गुवाहाटी और बेंगलुरु में हैं।

UGC का मुख्य उद्देश्य विश्वविद्यालय शिक्षा में शिक्षण, परीक्षा और अनुसंधान के मानकों का समन्वय, निर्धारण और रखरखाव करना है।

यह भारत में विश्वविद्यालयों को मान्यता प्रदान करता है और उन्हें वित्तीय सहायता भी प्रदान करता है।

इसके अतिरिक्त, UGC राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (NET) का आयोजन करता है, जो विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर पदों के लिए पात्रता निर्धारित करने के लिए आवश्यक है। लेकिन हाल ही में इसमें संशोधन संबंधित मसौदा तैयार किया गया है

UGC से संबंधित नवीनतम सूचनाएं, अधिसूचनाएं या दिशानिर्देश प्राप्त करना चाहते हैं, तो UGC की आधिकारिक वेबसाइट पर वो ही अंतिम रूप से मान्य होगी।

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