BCCI के नये नियम लागू,गौतम गंभीर को लगा करारा झटका,हेड कोच का पीए दूसरे होटल में शिफ्ट
बीसीसीआई ने टीम में अनुशासन और एकता बढ़ाने के लिए 10 कड़े नियम लागू किए हैं। गौतम गंभीर के पर्सनल मैनेजर को टीम होटल में रहने की अनुमति नहीं मिली। खिलाड़ियों के परिवार और निजी स्टाफ पर भी प्रतिबंध है।
BCCI NEW 10 RULES 2025
नई दिल्ली: अनुशासन, एकता और सकारात्मक टीम माहौल को बढ़ावा देने के लिए भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने 10 कड़े नियम बनाए थे।जिसका पालन हाल ही में इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में देखने को मिला। ऑस्ट्रेलिया में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी गंवाने के बाद खबर आई थी कि टीम में फूट पड़ चुकी है। प्लेयर्स की आपस में बन नहीं रही। बड़े खिलाड़ी मनमर्जी करते हैं।ऐसे में बोर्ड ने कई बदलाव करने का फैसला किया। जैसे ही नए फैसले प्रभावी हुए, हेड कोच गौतम गंभीर पर भी गाज गिरी है।

बीसीसीआई के नए नियमों के मुताबिक कोच समेत भारतीय टीम के सपोर्ट स्टाफ अब अपने पर्सनल स्टाफ या मैनेजर के साथ टीम बस में ट्रेवल नहीं कर सकते।न ही उन्हें खिलाड़ियों या सपोर्ट स्टाफ के साथ एक ही होटल में ठहरने की अनुमति है। ऐसे में गौतम गंभीर के पर्सनल मैनेजर, जो बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान भारतीय कोच से चिपके रहते थे, उन्हें बीसीसीआई के गुस्से का सामना करना पड़ा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गंभीर के पीए इंग्लैंड सीरीज के दौरान उस होटल में नहीं थे, जहां टीम ठहरी थी।
बीसीसीआई के 10 सूत्रीय नियम
- 1- घरेलू क्रिकेट में सभी खिलाड़ियों को खेलना अब अनिवार्य
- 2- खिलाड़ियों की फैमिली नहीं करेगी साथ में सफर
- 3- तय सीमा से अधिक सामान पर पाबंदी
- 4- पर्सनल स्टाफ पर लगी पाबंदी
- 5- सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के लिए भी बदले नियम
- 6-प्रैक्टिस सेशन में किसी को छूट नहीं
- 7-एड शूट पर भी बीसीसीआई की पाबंदी
- 8- अनुशासनात्मक कार्रवाई का अधिकार BCCI के पास सुरक्षित
- 9- सीरीज खत्म होने पर जल्दी नहीं मिलेगी छुट्टी
- 10- तय सीमा तक ही फैमिली रह सकती है साथ
बीसीसीआई ने नियम बनाया है कि विदेशी दौरे पर अगर कोई खिलाड़ी 45 दिनों तक रहता है तो उनकी वाइफ और 18 साल से छोटी उम्र का बच्चा दो सप्ताह तक उनके साथ रह सकते हैं। इस दौरान बीसीसीआई सिर्फ उनके रहने का खर्च उठाएगी। वहीं समय सीमा खत्म होने के बाद खिलाड़ी अपने परिवार का खर्च उठाएगा।
मीडिया की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है, ‘कोचिंग स्टाफ के एक सदस्य का निजी सचिव, जो नियमित रूप से टीम होटल में देखा जाता रहा। अब इंग्लैंड सीरीज के दौरान एक अलग सुविधा में रहा।’ ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गौतम गंभीर ही कोचिंग स्टाफ के एकमात्र सदस्य थे, जिनके पास निजी सहायक मौजूद था।कोच के पास अब वही सेटअप नहीं हो सकता, क्योंकि बोर्ड ने आधिकारिक तौर पर अपना नया नियम लागू कर दिया है।

बीसीसीआई के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, ‘उनका पीए राष्ट्रीय चयनकर्ताओं को मिलने वाली कार में क्यों बैठा था? वे कार में किसी अज्ञात तीसरे व्यक्ति के साथ निजी तौर पर चीजों पर चर्चा भी नहीं कर सकते। उन्हें एडिलेड में बीसीसीआई के गेस्ट बॉक्स में जगह क्यों की गई?” बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के बाद एक चिढ़े हुए बीसीसीआई अधिकारी ने समाचार एजेंसी को यह बात बताई थी।
पिछले कुछ महीनों में भारतीय ड्रेसिंग रूम ऐसा लगता है कि बोर्ड किसी भी अनधिकृत पहुंच की अनुमति न देकर ऐसे ‘लीक’ को कम करने का इच्छुक है।तब बीसीसीआई अधिकारी ने पूछा था, ‘वह फाइव स्टार होटल के उस एरिया में नाश्ता कैसे कर रहा था, जहां सिर्फ टीम के मेंबर्स ही जा सकते थे।
बीसीसीआई के नियमों के चलते ही खिलाड़ियों का परिवार चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान साथ में नहीं रह सकता।बोर्ड ने पत्नियों या पार्टनर्स को साथ ले जाने की अनुमति नहीं दी। बोर्ड ने खिलाड़ियों के निजी शेफ, हेयर स्टाइलिस्ट और एजेंटों पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।