8th Pay Commission: हर 5 साल में रिवाइज हो सैलरी, कर्मचारी यूनियन कर रहे है 8वें वेतन आयोग की मांग
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों और लेबर महासंघ (Confederation of Central Government Employees and Workers) ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखते हुए 8वें केंद्रीय वेतन आयोग (8th Central Pay Commission) के गठन की मांग की ।
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों और लेबर महासंघ (Confederation of Central Government Employees and Workers) ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखते हुए 8वें केंद्रीय वेतन आयोग (8th Central Pay Commission) के गठन की मांग की। महासंघ का कहना है कि बढ़ती महंगाई और करेंसी वैल्युएशन में गिरावट को देखते हुए यह कदम जरूरी है। महासंघ देशभर के अलग-अलग विभागों जैसे डाक, इनकम टैक्स, अकाउंट्स, सर्वेक्षण, जनगणना, सीपीडब्ल्यूडी, सीजीएचएस आदि में काम कर रहे लगभग 7 लाख केंद्रीय कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करता है। इसमें 130 से अधिक संघ और महासंघ शामिल हैं।

सैलरी रिव्यू की है जरूरत
महासंघ ने बताया कि केंद्रीय कर्मचारियों का वेतन आखिरी बार 1 जनवरी 2016 से रिवाइज किया गया था। 7 जुलाई 2024 तक महंगाई भत्ते (DA) की दर 53% से अधिक हो चुकी है। लेटर में कहा गया है कि कोविड-19 के बाद जरूरी और गैर-जरूरी वस्तुओं की कीमतों में कई गुना बढ़ोतरी हुई है। औसतन 5.5% की दर से बढ़ती महंगाई और ज्यादा ब्याज दरें कर्मचारियों और पेंशनर्स के जीवन पर नेगेटिव असर डालती है। पिछले 9 सालों में खासतौर से कोविड-19 के बाद सैलरी की वैल्यू काफी कम हुई है क्योंकि महंगाई काफी बढ़ गई है।कर्मचारी संगठनों ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर 8वें वेतन आयोग के गठन और उससे जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों को हल करने का अनुरोध किया है। इनकी मांगो :
1. 8वें वेतन आयोग का गठन
कर्मचारियों ने 8वें वेतन आयोग के गठन की प्रक्रिया समय पर शुरू करने की मांग की है, ताकि 1 जनवरी 2026 से इसे लागू किया जा सके आयोग के माध्यम से वेतन, भत्तों, और सेवा शर्तों की व्यापक समीक्षा का प्रस्ताव रखा गया है। कर्मचारियों का तर्क है कि बढ़ती महंगाई और बदलते आर्थिक परिदृश्य में उनकी आय में सुधार आवश्यक है।
2. पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली
संगठन ने नई पेंशन योजना NPS और UPS को अस्थिर बताते हुए पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू करने की मांग की है। OPS के तहत कर्मचारियों को गारंटीशुदा पेंशन मिलती थी, जबकि NPS बाजार पर आधारित है।कर्मचारियों का कहना है कि OPS से उनके बुढ़ापे की सुरक्षा सुनिश्चित होती है, जो NPS से संभव नहीं है।
3. कोविड-19 के दौरान रोका गया महंगाई भत्ता (DA) और राहत (DR)
18 महीने का बकाया कोविड-19 महामारी के दौरान रोके गए DA और DR का 18 महीने का भुगतान अभी भी बाकी है। संगठन ने इसे तुरंत जारी करने की मांग की है।कर्मचारियों का कहना है कि यह बकाया राशि उनके आर्थिक दबाव को कम करने में सहायक होगी।
4. कर्मचारियों में असंतोष
संगठन ने पत्र में कहा है कि लंबे समय से इन मुद्दों को अनदेखा करने से कर्मचारियों और पेंशनभोगियों में असंतोष बढ़ रहा है।
सरकार से आग्रह किया गया है कि बजट 2025 में इन मांगों पर विचार किया जाए।
प्रभावित लोगों की संख्या 1 करोड़ से अधिक लोग:
यदि 8वें वेतन आयोग और अन्य मांगें पूरी होती हैं, तो इसका फायदा 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 60 लाख पेंशनभोगियों को मिलेगा।
संगठनों के प्रयास विरोध प्रदर्शन:20 अगस्त को केंद्रीय कर्मचारी संगठनों ने इन मांगों को लेकर प्रदर्शन भी किया था और इसे तब तक जारी रखने की बात कही है, जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं।संयुक्त सलाहकार मशीनरी की राष्ट्रीय परिषद ने भी वेतन आयोग पर जोर दिया है और इसे सरकार की प्राथमिकता बनाने का अनुरोध किया है।
सरकार की संभावित प्रतिक्रिया
केंद्रीय सरकार ने अभी तक 8वें वेतन आयोग के गठन पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया है। हालांकि, यह अनुमान है कि बजट 2025 में इस पर बड़ा ऐलान किया जा सकता है।
पिछला (7वां) वेतन आयोग 2016 में लागू हुआ था, और सामान्यतः हर 10 साल बाद नया वेतन आयोग लागू किया जाता है।
यह पत्र सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो सरकार से तत्काल ध्यान और सकारात्मक कार्रवाई की उम्मीद करता है।