Neem ke tree se dhudh bahne ki ghatna

जैसलमेर में स्वत: जल धारा प्रस्फुटन घटना के पश्चात् एक अन्य ज़िले में नीम के पेड़ से दूध जैसे पदार्थ की धारा निकलने का मामला आया सामने

जयपुर । जैसलमेर की स्वत:जल धारा प्रस्फुटित होने के घटनाक्रम के पश्चात करौली में इन दिनों एक नीम का पेड़ चर्चा का विषय बन गया है. भांकरी गांव का यह नीम का पेड़ लोगों के लिए एक तरह से चमत्कारी पेड़ भी बना हुआ है. इस पेड़ को देखने के लिए दूरदराज के लोग बड़ी संख्या में भांकरी गांव पहुंच रहे हैं. नीम के इस पेड़ का चर्चा में आने का कारण, देखने और सुनने वाले को हैरानी में भी डाल सकता है।

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पिछले कई दिनों से बह रहा है सफेद तरल पदार्थ

इस चमत्कारी नीम के पेड़ से लगभग 2 महीने से एक दूध जैसा लिक्विड पदार्थ निकल रहा है. यह दूध जैसा तरल पदार्थ नीम के इस पेड़ के एक तने से बड़ी मात्रा में स्वतः ही निकल रहा है।

लोग दावा कर रहे हैं बीमारी ठीक होने का

गांव के लोग इस पेड़ और इससे निकलने वाले दूध जैसे लिक्विड पदार्थ को लेकर कई तरह के दावे भी कर रहे हैं.गांव के अधिकांश लोगों का कहना है कि इस तरल पदार्थ को पीते ही लोगों की कई तरह की बीमारी ठीक हो रही हैं. दर्जनों लोग इस पेड़ से निकलने वाले इस दूध जैसे तरल पदार्थ अब तक पी भी चुके है आसपास के गांवों से देखने आए लोग तो इस पेड़ को चमत्कारी नीम भी कह रहे हैं. और इससे निकलने वाले दूध जैसे पदार्थ को भी अपने साथ लेकर भी जा रहे हैं.

जिस घर में यह पेड़ लगा हुआ है, उस घर के सदस्य भगवान सिंह मीणा के अनुसार – लगभग 2 महीने से यह पदार्थ नीम के पेड़ से टपक रहा है. इसी वजह से लोग इस पेड़ को देखने के लिए आ रहे हैं. मीणा का कहना है इस पेड़ से निकलने वाले पदार्थ को कई लोग पीकर और कई लोग घर लेकर जा रहे हैं.

यह पेड़ लगभग 25 साल पुराना है. और इसमें से यह तरल पदार्थ भी ऑटोमेटिक निकल रहा है. लोगों का कहना है कि जो लोग इस लिक्विड को पी भी रहे हैं और इसे लेकर भी जा रहे हैं उनका दावा है कि इसे पीते ही उनकी कई तरह की बीमारी ठीक हो रही हैं.

क्या कहती है विज्ञान

वनस्पति शास्त्र के प्रोफेसर से पूछा तो उन्होंने बताया कि यह घटना पूरी तरह से वैज्ञानिक है. कई बार पौधों में छोटे कीटों या एफिड्स (aphids) के संक्रमण के कारण फ्लोएम ऊतक प्रभावित हो जाते हैं. इसके परिणामस्वरूप फ्लोएम में उपस्थित तरल पदार्थ बाहर निकलने लगता है. इसे ‘नीम टोडी’ कहा जाता है।

जैसलमेर में स्वत:जल धारा प्रस्फुटित हुई थी

जैसलमेर के मोहनगढ़ नहरी क्षेत्र में शनिवार को ट्यूबवेल की बोरिंग के दौरान अचानक पानी फूट गया था. पानी फव्वारे की तरह बाहर निकलने लगा था. रविवार रात अचानक पानी बंद भी हो गया था, इससे ग्रामीण और प्रशासन ने राहत की सांस ली है. खेत का मालिक विक्रम सिंह की मां रविवार रात घर में कुल देवी की दर्शन की. उनसे प्रार्थना करते हुए कहा कि मैंने बच्चों को जन्म दिया. अब तुम इनकी रक्षा करो. उन्होंने अड़ास माता से पानी रुकने के लिए प्रार्थना की. खेत मालिक का दावा है कि मां से प्रार्थना करते ही पानी रुक गया।

50 टन की मशीन समा गई मिट्टी में

मोहनगढ़ उप-तहसील के 27BD के जोरा माइनर पर ट्यूबवेल खोदते समय जमीन से पानी और गैस रिसाव की घटना हुई थी. रविवार (29 दिसंबर) को रात 10 बजे के आस पास अपने आप ही पानी निकलना बंद हो गया. पानी निकलने की वजह से 50 टन की ट्यूबवेल खोदने वाली मशीन पूरी तरह से जमीन में समा गई. उसकी हाईट 50 फीट के आसपास है.

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