कौन हैं जस्टिस वी. रामासुब्रमण्यम, जिन्हें मिली NHRC के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति
Justice V Ramasubramaniam: सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीस जस्टिस वी. सुब्रहमण्यम को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का नया अध्यक्ष नियक्त किया गया है। यह पद इस साल जून से खाली था।

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस वी. रामासुब्रमण्यम को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। एनएचआरसी के पूर्व अध्यक्ष रिटायर्ड जस्टिस अरुण कुमार मिश्रा के कार्यकाल के जून में खत्म हो जाने के बाद यह पद खाली था। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम 1993 के तहत जस्टिस वी. रामासुब्रमण्यम को एनएचआरसी का अध्यक्ष नियुक्त किया।
कौन हैं NHRC के नए अध्यक्ष रामासुब्रमण्यम

मद्रास लॉ कॉलेज से वकालत की पढ़ाई करने वाले रामासुब्रमण्यम का जन्म 30 जून 1958 को हुआ। अपनी स्कूली पढ़ाई गृह जिले में ही पूरी करने के बाद उन्होंने अपने ग्रेजुएशन चेन्नई के रामकृष्ण मिशन विवेकानंद कॉलेज के किया। कानून की पढ़ाई पूरी करने के बाद 1983 से उन्होंने अपनी वकालत शुरू कर दी। करीब दो दशक तक मद्रास हाईकोर्ट में वकालत करने के बाद 2006 में उन्होंने हाईकोर्ट में ही जज का पद संभाल लिया।
मद्रास हाईकोर्ट में तीन साल तक एडीशनल जज के रूप में काम करने के बाद 2009 में उन्हें स्थाई जज के बनाया गया। सालों तक मद्रास में अपनी सेवाएं देने के बाद जस्टिस रामासुब्रहमण्यम का ट्रांसफर हैदराबाद हाईकोर्ट में कर दिया गया। जहां पर वह दोनों राज्यों के जज रहे।
तेलंगाना, आंध्र और तमिलनाडु में जज के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके जस्टिस रामासुब्रमण्यम को 2019 में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस के पद पर नियुक्त कर दिया गया। कुछ महीनों तक हिमाचल में अपनी सेवाएं देने के बाद जस्टिस रामासब्रहमण्यम को सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर नियुक्त किया गया। इसके बाद उन्होंने चार साल तक अपने रिटायरमेंट तक सुप्रीम कोर्ट में अपनी सेवाएं दी। 29 जून 2023 को वह सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में रिटायर हुए।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) भारत में मानवाधिकारों की सुरक्षा और संवर्धन के लिए एक स्वतंत्र संवैधानिक संस्था है। इसे 12 अक्टूबर 1993 को मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के तहत स्थापित किया गया था। यह आयोग भारत में नागरिकों के मौलिक अधिकारों और मानवाधिकारों के उल्लंघन के मामलों की जांच करता है।
मुख्य जानकारी
- 1. स्थापना: 12 अक्टूबर 1993
- 2. मुख्यालय: नई दिल्ली, भारत
- 3. विधिक आधार: मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993
4. प्रमुख उद्देश्य:
- मानवाधिकारों की सुरक्षा और संवर्धन।
- मानवाधिकारों के उल्लंघन के मामलों की जांच।
- मानवाधिकारों के प्रचार-प्रसार के लिए कार्यक्रम आयोजित करना।
5. संरचना:
- अध्यक्ष: यह भारत के सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश या न्यायाधीश होते हैं।
- अन्य सदस्य: न्यायिक और गैर-न्यायिक विशेषज्ञ।
कार्य और शक्तियां
- 1. शिकायतें सुनना: मानवाधिकारों के उल्लंघन की शिकायतों को दर्ज करना और जांच करना।
- 2. स्वतंत्र जांच: किसी भी सरकारी विभाग या संस्थान द्वारा मानवाधिकार उल्लंघन की स्वतंत्र जांच।
- 3. सिफारिशें देना:सरकार को मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों में सुधारात्मक कदम उठाने की सिफारिश पीड़ित को मुआवजा प्रदान करने की सिफारिश।
- 4. शिक्षा और जागरूकता: मानवाधिकारों पर जागरूकता बढ़ाने के लिए कार्यक्रम और कार्यशालाओं का आयोजन।
- 5. अंतरराष्ट्रीय सहयोग: मानवाधिकारों से जुड़े अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ समन्वय।
महत्व
- यह नागरिकों और समाज के कमजोर वर्गों के अधिकारों की रक्षा करने में सहायक है।
- यह सरकार को जवाबदेह बनाकर एक निष्पक्ष और स्वतंत्र न्याय प्रणाली सुनिश्चित करता है।
सीमाएं
- आयोग के पास केवल सिफारिश करने की शक्ति है, उसे निर्णय लागू करवाने का अधिकार नहीं है।
- इसके पास स्वतंत्र दंड देने की शक्ति नहीं है।
- राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग भारतीय लोकतंत्र की नींव को मजबूत करने का महत्वपूर्ण
- हिस्सा है और यह सुनिश्चित करता है कि हर व्यक्ति को उसके अधिकार मिले।
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भारत में विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत कई प्रमुख आयोग हैं, जो संबंधित विषयों पर निगरानी और सिफारिशें प्रदान करते हैं। नीचे कुछ महत्वपूर्ण आयोगों और उनके वर्तमान अध्यक्षों की जानकारी प्रस्तुत है:
1. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC):
- अध्यक्ष: न्यायमूर्ति अरुण कुमार मिश्रा
- मुख्यालय: नई दिल्ली
- स्थापना: 1993
- कार्य: मानवाधिकारों की रक्षा और संवर्धन।
2. राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW):
- अध्यक्ष: रेखा शर्मा
- मुख्यालय: नई दिल्ल
- स्थापना: 1992
- कार्य: महिलाओं के अधिकारों की रक्षा और उनके सशक्तिकरण के लिए कार्य करना।
3. राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NCSC):
- अध्यक्ष: विजय सांपला
- मुख्यालय: नई दिल्ली
- स्थापना: 2004
- कार्य: अनुसूचित जातियों के अधिकारों की रक्षा और उनके विकास के लिए सिफारिशें करना।
4. राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (NCM):
- अध्यक्ष: इकबाल सिंह लालपुरा
- मुख्यालय: नई दिल्ली
- स्थापना: 1992
- कार्य: अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों की रक्षा और उनके कल्याण के लिए कार्य करना।
5. राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (NCBC):
- अध्यक्ष: भगवान लाल साहनी
- मुख्यालय: नई दिल्ली
- स्थापना: 1993
- कार्य: पिछड़े वर्गों के सामाजिक और शैक्षणिक विकास के लिए सिफारिशें करना।
6. भारतीय निर्वाचन आयोग (ECI):
- मुख्य निर्वाचन आयुक्त: राजीव कुमार
- मुख्यालय: नई दिल्ली
- स्थापना: 1950
- कार्य: भारत में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करना।
7. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC):
- अध्यक्ष: एम. जगदीश कुमार
- मुख्यालय: नई दिल्ली
- स्थापना: 1956
- कार्य: उच्च शिक्षा संस्थानों के मानकों की निगरानी और अनुदान प्रदान करना।
8. भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI):
- अध्यक्ष: अशोक कुमार गुप्ता
- मुख्यालय: नई दिल्ली
- स्थापना: 2003
- कार्य: बाजार में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना और एकाधिकार को रोकना।
9. केंद्रीय सूचना आयोग (CIC):
- मुख्य सूचना आयुक्त: यशवर्धन कुमार सिन्हा
- मुख्यालय: नई दिल्ली
- स्थापना: 2005
- कार्य: सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत नागरिकों को सूचना प्रदान करना।
10. राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT):
- अध्यक्ष: न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल
- मुख्यालय: नई दिल्ली
- स्थापना: 2010
- कार्य: पर्यावरण संरक्षण और वन्यजीव संरक्षण से संबंधित मामलों का निपटारा।
ये आयोग भारत में विभिन्न सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय मुद्दों पर निगरानी रखते हैं और सरकार को आवश्यक सिफारिशें प्रदान करते हैं।
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