Mahakumbh 2025 aagaaz

महाकुंभ 2025 का शुभारंभ हुआ, जाने किस किस तिथि को होगा शाही स्नान एवं महाकुंभ का पुरा इतिहास, इस वर्ष लगभग 45 करोड़ श्रद्धालु आने की संभावना, जाने विशेष जानकारी 128 वर्ष के शिवानंद पिछले 100 से आ रहे

प्रयागराज में महाकुंभ 2025 का हुआ शुभारंभ, 144 साल बाद बन रहा है अद्भुत संयोग प्रयागराज (यूपी) में सोमवार को सुबह 5:03 बजे महाकुंभ 2025 का शुभारंभ हो गया। पौष पूर्णिमा पर आज पहला स्नान है और इस मौके पर 1 करोड़ श्रद्धालुओं के डुबकी लगाने की संभावना है। 2025 का महाकुंभ खास है क्योंकि इस बार 144 साल बाद ग्रहों का दुर्लभ संयोग (सूर्य, चंद्रमा, शनि और बृहस्पति की शुभ स्थिति) बन रहा है।

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Mahakumbh 2025: हिंदू धर्म का सबसे बड़ा धार्मिक मेला महाकुंभ का शुभारंभ आज 13 जनवरी 2025 को हुआ और इसका समापन 26 फरवरी 2025 को महाशिवरात्रि के दिन होगा। महाकुंभ की शुरुआत कैसे एवं कब हुई इसके बारे में जानकारी करते हैं।

Kumbh Mela History: हिंदू धर्म का सबसे बड़ा धार्मिक मेला महाकुंभ है और यह करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का प्रतीक है। महाकुंभ सिर्फ एक मेला नहीं है बल्कि हिंदू संस्कृति, आस्था और परंपरा का संगम है। इस बार का कुंभ मेला कई मायनों में खास है। महाकुंभ का हर 12 साल में आयोजन होता है, लेकिन जब 144 साल बाद पूर्ण महाकुंभ होता है, तो उसकी खासियत और भी बढ़ जाती है। इस साल 13 जनवरी 2025 आज से महाकुंभ का मेला प्रयागराज में आरंभ हुआ है और यह मेला खास है क्योंकि यह 144 साल बाद पूर्ण महाकुंभ के रूप में हो रहा है।

सबसे पहले महाकुंभ कब आयोजित हुआ

कुछ ग्रंथों में कहा गया है कि यह मेला सतयुग से ही लगता आ रहा है, लेकिन इसके बारे में विस्तार से जानकारी नहीं मिलती है। कुछ लोगों में का मानना है कि महाकुंभ की शुरुआत आदि शंकराचार्य ने की थी, और कुछ का कहना है कि समुद्र मंथन के बाद से यह मेला लगने लगा।

महाकुंभ का इतिहास

महाकुंभ का इतिहास बहुत पुराना है। कुछ कथाओं में बताया गया है कि महाकुंभ का आयोजन उन स्थानों पर किया जाता है, जहां समुद्र मंथन के दौरान अमृत कलश की कुछ बूंदें गिरी थीं। ये स्थान हैं प्रयागराज, उज्जैन, हरिद्वार और नासिक। मान्यता है कि जब समुद्र मंथन से अमृत कलश निकला, तो देवताओं और राक्ष के बीच लड़ाई हुई। भगवान विष्णु ने मोहिनी अवतार लेकर अमृत कलश को जयंत को सौंपा, जिन्होंने कौवे का रूप धारण कर अमृत कलश को राक्षसों से छीन लिया और जब वह इसे लेकर भाग रहे थे तो अमृत कलश की कुछ बूंदे इन स्थानों पर गिर गई थी। तभी से इन स्थानों पर लगने लगा।

क्या है महाकुंभ में होने वाला शाही स्नान और ये कब-कब होंगे?

महाकुंभ मेले में खास दिनों पर होने वाले स्नान को अधिक पुण्यकारी माना जाता है जिसे शाही स्नान कहते हैं। इस दिन प्रमुख अखाड़ों के संत जुलूस के साथ निकलते हैं और डुबकी लगाते हैं। पहला शाही स्नान आज है जबकि दूसरा 14-जनवरी, तीसरा मौनी अमावस्या (29-जनवरी), चौथा वसंत पंचमी, 5वां माघ पूर्णिमा (12-फरवरी) और आखिरी महाशिवरात्रि (26-फरवरी) को होगा।

100 वर्षों से कुंभ मेले में आ रहे 128 साल के स्वामी शिवानंद सरस्वती

100-वर्षों से कुंभ मेले में आ रहे 128-वर्षीय स्वामी शिवानंद सरस्वती ने अपनी दिनचर्या बताई है। उन्होंने बताया, “मैं तड़के तीन बजे उठता हूं फिर बाथरूम जाता हूं, नहाता हूं और फिर एक घंटे तक योग करता हूं।” उन्होंने अपने भोजन को लेकर बताया, “मैं केवल उबला हुआ खाना खाता हूं जिसमें कोई तेल, नमक या चीनी नहीं होती है।”

प्रयागराज महाकुंभ पहुंचे ‘चाय वाले बाबा’

, 41 साल से ‘सिर्फ चाय पीकर’ हैं जीवित प्रयागराज महाकुंभ में ‘चाय वाले बाबा’ नाम से प्रसिद्ध एक साधु को देखने के लिए लोग पहुंच रहे हैं। ‘एएनआई’ की रिपोर्ट के मुताबिक, बाबा 41 साल से मौन हैं और वह सिर्फ चाय पीकर जीवित हैं व रोज़ाना 10 कप चाय पीते हैं। बकौल रिपोर्ट्स, वह वॉट्सऐप के ज़रिए प्रतियोगी परीक्षा के छात्रों के सवालों के जवाब देते हैं।

महाकुंभ में 15 लाख से ज़्यादा विदेशी पर्यटक के आने का अनुमान

केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा है कि प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ मेले में 15 लाख से ज़्यादा विदेशी पर्यटकों के आने का अनुमान है जिनके लिए पर्यटन मंत्रालय ने एक टेंट सिटी तैयार की है। शेखावत के मुताबिक, इस टेंट सिटी में आयुर्वेद, योग और पंचकर्म जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।

महाकुंभ में ₹1,296 में हेलीकॉप्टर की सवारी कर मेले का दृश्य देख सकेंगे

श्रद्धालुउत्तर प्रदेश के पर्यटन विभाग ने प्रयागराज में सोमवार से शुरू हो रहे महाकुंभ मेले का दृश्य देखने के मद्देनज़र श्रद्धालुओं के लिए हेलीकॉप्टर की सवारी का किराया घटाकर ₹1,296/व्यक्ति कर दिया है। इससे पहले यह किराया ₹3,000/व्यक्ति निर्धारित था। राज्य के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि हेलीकॉप्टर की सवारी 7 से 8 मिनट की होगी।

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