330 करोड़ की लागत से विश्व का पहला गोविज्ञान विश्व विद्यालय बनेगा , जो विशुद्ध धार्मिक विश्वविद्यालय होगा , जाने पूरी न्यूज
Govigyan University: जिले में गायों पर आधारित विज्ञान और शिक्षा को नई पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए पहला धार्मिक विश्वविद्यालय बनेगा। यह यूनिवर्सिटी नंदगांव में 38.30 एकड यानी 95.15 बीघा में बनाने का प्रस्ताव लिया है।इसे बनाने में 330 करोड़ रुपए खर्च होंगे। सुरभि विश्वविद्यालय सिरोही जिले के रेवदर तहसील के नंदगांव में बनने जा रहा है। इसको 4 साल में बनाकर तैयार करने का लक्ष्य रखा है।

Sanskrit University : जी हां सिरोही, जिले में गायों पर आधारित विज्ञान और शिक्षा को नई पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए पहला धार्मिक विश्वविद्यालय बनेगा।
सबसे बड़े गोसेवा संस्थान गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा लोक पुण्यार्थ न्यास की ओर से विश्व के प्रथम गोविज्ञान केंद्रित संस्कृत भाषायी विश्वविद्यालय सुरभि विश्वविद्यालय जिले के रेवदर तहसील के नंदगांव में बनने जा रहा है।
इसे स्थापित करने की प्रक्रिया को अंतिम रूप देते हुए संस्थापक एवं प्रधान संरक्षक गोऋषि स्वामी दत्तशरणानंद महाराज की प्रेरणा से निजी विश्वविद्यालय के बनने की प्रोसेस शुरू हो गई है।
दावा है कि ये यूनिवर्सिटी धार्मिक गौ विज्ञान आधारित पहली विश्व की पहली यूनिवर्सिटी होगी।
समाचार चैनल अनुसार पथमेड़ा न्यास के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी ने बताया कि इस विश्वविद्यालय में भारतीय गो विज्ञान आधारित शिक्षा के साथ आधुनिक शिक्षा व संस्कृत भाषा में पढ़ाई होगी।
इसका संचालन गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा न्यास की ओर से किया जाएगा।
विश्वविद्यालय को लेकर 14 दिसंबर को गोधाम पथमेड़ा लोक पुण्यार्थ न्यास की बैठक हुई थी।जिसमें यह प्रस्ताव पारित किया तथा इस यूनिवर्सिटी का नाम सुरभि विश्वविद्यालय रखने का निर्णय लिया गया।
यह यूनिवर्सिटी नंदगांव में 38.30 एकड़ यानी 95.15 बीघा में बनाने का प्रस्ताव लिया है।
इसे बनाने में 330 करोड़ रुपए खर्च होंगे।यह 4 साल में बनकर तैयार करने का लक्ष्य है।विश्वविद्यालय स्थापना समिति भी गठित की जा चुकी है।
विश्वविद्यालय में स्थापित होने वाले विषयों में –
इस यूनिवर्सिटी में इतिहास, भूगोल, अर्थशास्त्र, राजनीति शास्त्र, आयुर्वेद, पशु चिकित्सा, कृषि विज्ञान, विधि शास्त्र, वास्तु शास्त्र से लेकर आधुनिक चिकित्सा शास्त्र और अभियांत्रिकी एवं तकनीकी शास्त्र तक सभी विषयों को संस्कृत में पढ़ाया जाएगा।
जो 10 वर्षों में विभिन्न चरणों में सभी विषयों का अध्ययन, अध्यापन एवं अनुसंधान विश्वविद्यालय परिसर में शुरू हो जाएगा।
कोलेज संचालन :
यूनिवर्सिटी में वेद विद्या महाविद्यालय, कला एवं शिक्षा शास्त्र (बीएड, एमएड) महाविद्यालय, वाणिज्य एवं प्रबंधन (मैनेजमेंट) महाविद्यालय, विज्ञान एवं गणित महाविद्यालय, विधि महाविद्यालय, पंचगव्य आयुर्वेद महाविद्यालय, चिकित्सा महाविद्यालय, परिचारक (नर्सिंग) महाविद्यालय, पत्रकारिता महाविद्यालय, गो कृषि महाविद्यालय, नाट्यकला (संगीत, नाटक एवं फिल्म) महाविद्यालय, चित्रकारिता एवं खणापत्य शास्त्र (आर्किटेक्चर) महाविद्यालय, अभियांत्रिकी एवं तकनीकी (इंजीनियरिंग एवं टेक्नोलॉजी) महाविद्यालय, औषधि निर्माण महाविद्यालय, आधुनिक चिकित्सा (मेडिकल कॉलेज) महाविद्यालय सहित 15 पाठ्यक्रमों में काॅलेज स्थापित होंगे।
श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा:

राजस्थान के सांचौर जिले में स्थित विश्वप्रसिद्ध गौशाला है। यह गौशाला दुनिया की सबसे बड़ी और प्राचीन गौशालाओं में से एक मानी जाती है। यहां हजारों गायों का संरक्षण, संवर्धन, और पालन-पोषण किया जाता है।
इसकी स्थापना श्री गोधाम महातीर्थ की स्थापना गौऋषि स्वामी दत्तशरणानंद जी महाराज के मार्गदर्शन में की गई।
इसका उद्देश्य भारतीय गौवंश की रक्षा, संरक्षण, और संवर्धन करना है।
यहां 1 लाख से अधिक गायों की देखभाल होती है।गौमूत्र, गोबर और पंचगव्य से औषधि और जैविक उत्पाद तैयार किए जाते हैं।
भारतीय गोवंश के संरक्षण के लिए कई प्रकार के शोध और अनुसंधान किए जाते हैं।
यहां स्थापित गौशाला का उद्देश्य गौवंश की नस्लों को बचाना।जैविक खेती को प्रोत्साहन देना।पर्यावरण संरक्षण में योगदान।पंचगव्य आधारित चिकित्सा को बढ़ावा देना।
इस महातीर्थ पथमेड़ा की सेवाएं और गतिविधियां मे गोमूत्र और गोबर से प्राकृतिक खाद, कीटनाशक, और औषधि बनाना,गौ आधारित कृषि और पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रशिक्षण,चिकित्सा के लिए पंचगव्य का उपयोग।