विनोद कांबली की तबीयत हुई खराब
टीम इंडिया के पूर्व खिलाड़ी विनोद कांबली की तबियत एक बार फिर से खराब हो गई है. उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी विनोद कांबली की तबियत एक बार फिर से खराब हो गई है. उन्हें ठाणे के एक हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया है. कांबली की देखभाल के लिए डॉक्टर्स की टीम लगी हुई है. वे हाल ही में सचिन तेंदुलकर से मुलाकात के बाद काफी चर्चा में रहे. कांबली गंभीर बीमारी से गुजर रहे हैंने अपनी एक लत की वजह से काफी परेशान रहे हैं. इसके लिए कई बार रिहैब सेंटर भी जा चुके हैं.

दरअसल हाल ही में विनोद कांबली चर्चा में आ गए थे. वे रमाकांत आचरेकर मेमोरियल के उद्घाटन कार्यक्रम में पहुंचे थे. इस कार्यक्रम में सचिन भी पहुंचे थे. सचिन और कांबली का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब चर्चा में रहा था. कांबली सचिन को अपने पास बैठाना चाहते थे. लेकिन वे कुछ देर रुकने के बाद दूसरी जगह बैठे थे.

कांबली हर्ट की बीमारी के साथ और कई तरह की समस्याओं से गुजर रहे हैं. उनकी तबियत इससे पहले भी खराब हो चुकी है. अब एक बार फिर से उन्हें हॉस्पिटल में एडमिट करवाया गया है. वे फिलहाल डॉक्टर्स की निगरानी में हैं.
विनोद कांबली के दिमाग में खून के थक्के जम गए हैं: डॉक्टर
पूर्व भारतीय क्रिकेटर विनोद कांबली का ठाणे के अस्पताल में इलाज़ कर रहे डॉक्टर विवेक त्रिवेदी ने बताया है कि उनके दिमाग में खून के थक्के जम गए हैं। बकौल डॉक्टर, उनके स्वास्थ्य पर लगातार नज़र रखी जा रही है व मंगलवार को उनकी कुछ अन्य जांच होंगी। वह यूरिन इंफेक्शन की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती हुए थे।अस्पताल में सीनियर डॉक्टर विवेक त्रिवेदी ने बताया कि जांच में कांबली के दिमाग में खून के थक्के देखे गए हैं. अब मंगलवार को उनकी कुछ अन्य जांच करवाई जाएंगी. डॉक्टर त्रिवेदी ने यह भी खुलासा किया कि अस्पताल के प्रभारी डॉक्टर एस सिंह ने कांबली को आजीवन मुफ्त इलाज का आश्वासन दिया है. यह खुलासा किया गया लेकिन फिर भी स्थिति नाजुक बनी हुई है. पिछले दिनों कांबली के कई वीडियो सामने आए हैं, जिनमें साफ दिख रहा था कि वो खराब स्वास्थ्य से जूझ रहे हैं।
कांबली टीम इंडिया के लिए कई मैचों में दमदार प्रदर्शन कर चुके हैं. उन्होंने करियर के दौरान 104 वनडे खेले. कांबली ने इस फॉर्मेट में 2 शतक और 14 अर्धशतक लगाए. इसके साथ ही 2477 रन बनाए. उनका सर्वश्रेष्ठ वनडे स्कोर 106 रन है. कांबली 17 टेस्ट मैच भी खेल चुके हैं. इसमें 1084 रन बनाए हैं. उनका फर्स्ट क्लास और लिस्ट ए करियर भी शानदार रहा है. कांबली ने फर्स्ट क्लास मैचो न 9965 रन बनाए हैं. कांबली की तुलना एक समय पर कई बड़े क्रिकेटर्स से हुआ करती थी. लेकिन वे अब बुरे दौर से गुजर रहे हैं.
विनोद कांबली भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक बेहतरीन बल्लेबाज माने जाते हैं, जिनका करियर शानदार लेकिन विवादास्पद रहा।
प्रारंभिक जीवन
- जन्म: 18 जनवरी 1972, मुंबई, महाराष्ट्र
- विनोद कांबली का बचपन काफी साधारण रहा और वे मडनलाल इंग्लिश हाई स्कूल, मुंबई से पढ़े।
- क्रिकेट की उनकी प्रतिभा बचपन में ही सामने आ गई थी।
- वे सचिन तेंदुलकर के बचपन के दोस्त और टीम के साथी रहे हैं। दोनों ने बचपन में शारदाश्रम विद्यामंदिर स्कूल के लिए कई यादगार पारियां खेली थीं।
क्रिकेट करियर
अंतरराष्ट्रीय करियर
- टेस्ट डेब्यू: 29 जनवरी 1993, इंग्लैंड के खिलाफ
- वनडे डेब्यू: 18 अक्टूबर 1991, पाकिस्तान के खिलाफ
- कांबली ने अपने करियर की शुरुआत बेहद शानदार तरीके से की।
- उन्होंने अपने पहले कुछ टेस्ट मैचों में ही दो दोहरे शतक लगाए।
- 224 रन (ज़िम्बाब्वे के खिलाफ)
- 227 रन (इंग्लैंड के खिलाफ)
- आज भी 17 टेस्ट मैचों में 54.20 के औसत से रन बनाने वाले बल्लेबाजों में गिने जाते हैं।
- वनडे में उन्होंने 104 मैचों में 32.59 की औसत से 2477 रन बनाए।
घरेलू क्रिकेट
- कांबली ने मुंबई की तरफ से रणजी ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन किया।
- उनकी घरेलू क्रिकेट में कई बड़ी पारियां आज भी याद की जाती हैं।
उपलब्धियां
- टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज 1000 रन पूरे करने वाले भारतीय बल्लेबाज।
- 1993 में उन्हें अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
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विवाद और संघर्ष
- उनका करियर व्यक्तिगत कारणों और फिटनेस समस्याओं के चलते लंबा नहीं चल पाया।
- कांबली का अनुशासनहीनता, खराब फिटनेस और ऑफ-फील्ड विवादों के कारण क्रिकेट करियर प्रभावित हुआ।
- वे कई बार अपने बयानों और आर्थिक समस्याओं को लेकर चर्चा में रहे।
अन्य पहलु
- कांबली ने क्रिकेट छोड़ने के बाद बॉलीवुड में भी हाथ आजमाया।
- वे रियलिटी शो में नजर आए और क्रिकेट कोचिंग भी दी।
- वे धर्म परिवर्तन कर ईसाई बन गए और उनका नाम विनोद गेरार्ड कांबली हो गया।
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निजी जीवन
- उनकी शादी एंड्रिया हेविट से हुई।
- कांबली के दो बच्चे हैं।
विनोद कांबली का करियर हमें यह सिखाता है कि प्रतिभा के साथ अनुशासन और समर्पण भी जरूरी है। उनके खेल कौशल को भुलाया नहीं जा सकता, लेकिन उनका करियर उनकी पूरी क्षमता तक नहीं पहुंच पाया।
विनोद कांबली का क्रिकेट करियर जितना शानदार रहा, उतना ही विवादों से भरा भी। यहां उनके जीवन और करियर से जुड़े प्रमुख विवादों का विवरण दिया गया है:
1. अनुशासनहीनता
- कांबली पर अक्सर अनुशासनहीनता और क्रिकेट के प्रति गंभीरता की कमी के आरोप लगे।
- भारतीय टीम में चयन के दौरान उनके खराब व्यवहार और अनुशासनहीनता को भी एक कारण बताया गया।
2. बीसीसीआई पर आरोप
- कांबली ने भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) पर आरोप लगाया कि उन्हें उनकी जाति और पृष्ठभूमि के कारण पर्याप्त मौके नहीं मिले।
- 2009 में उन्होंने यह बयान दिया कि बोर्ड ने उनके करियर को सही तरीके से प्रोत्साहित नहीं किया।
3. 1996 विश्व कप सेमीफाइनल विवाद
- 1996 में श्रीलंका के खिलाफ विश्व कप सेमीफाइनल के दौरान, मैच रद्द कर दिया गया था जब भारतीय प्रशंसकों ने मैदान पर गड़बड़ी की।
- कांबली मैदान पर रोते हुए दिखे, क्योंकि टीम हार के करीब थी। इसके बाद उनकी मानसिक स्थिति पर भी सवाल उठे।
4. वित्तीय कठिनाइयां और सार्वजनिक बयान
- 2013 में, कांबली ने मीडिया के सामने अपने वित्तीय संघर्ष का खुलासा किया।
- उन्होंने यह भी कहा कि उनके बचपन के दोस्त सचिन तेंदुलकर ने उनकी मदद नहीं की।
- इस बयान के कारण उनकी काफी आलोचना हुई।
5. मद्यपान और कानून से जुड़ी समस्याएं
- कांबली का नाम शराब की लत और कानून-व्यवस्था के मामलों में भी जुड़ा।
- 2022 में, कांबली को सार्वजनिक स्थान पर शराब के नशे में ड्राइविंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
6. कोचिंग विवाद
- कांबली ने क्रिकेट कोच बनने की कोशिश की, लेकिन उनके प्रयासों को ज्यादा समर्थन नहीं मिला।
- उन्होंने बीसीसीआई और मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन पर कोचिंग के अवसर न देने का आरोप लगाया।
7. धर्म परिवर्तन
- कांबली ने हिंदू धर्म छोड़कर ईसाई धर्म अपना लिया, जिससे वे सुर्खियों में रहे।
- इस फैसले पर कई लोगों ने सवाल उठाए और उनके फैसले को व्यक्तिगत जीवन में उथल-पुथल का परिणाम बताया।
8. टीम से बाहर किए जाने पर नाराजगी
- 2000 के दशक की शुरुआत में टीम से बाहर किए जाने के बाद उन्होंने चयनकर्ताओं और भारतीय क्रिकेट बोर्ड की आलोचना की।
- उन्होंने कहा कि उन्हें बिना कारण टीम से बाहर कर दिया गया।
9. फिल्मी करियर में असफलता
- क्रिकेट छोड़ने के बाद उन्होंने बॉलीवुड में किस्मत आजमाने की कोशिश की, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली।
- इस असफलता को भी कई बार उनकी आर्थिक समस्याओं के लिए जिम्मेदार माना गया।
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विनोद कांबली का करियर एक बड़ा उदाहरण है कि कैसे प्रतिभा और क्षमता के बावजूद अनुशासन और विवादों के कारण किसी का करियर प्रभावित हो सकता है। उनके क्रिकेट करियर की
शुरुआती चमक उनके जीवन के बाद के संघर्षों और विवादों में कहीं खो गई।