motivational village

राजस्थान का ऐसा गांव जहां से 150 से अधिक IAS, IPS , RAS OFFICER बने हैं, जाने पूरी कहानी राजस्थान का यह गांव शिक्षा और प्रशासनिक सेवाओं में अपने योगदान के लिए देशभर में प्रसिद्ध है।यहां से कई IAS, IPS, और अन्य सिविल सेवा अधिकारी बने हैं अपने उच्च प्रशासनिक अधिकारियों की संख्या के लिए … Read more

Sunday story IPS officer Sambhal UP

विदेश में नौकरी छोड़ बने पुलिस अधिकारी,अपनी कार्य शैली और सूझबूझ से अपराधियों में डर और आम जन के सिंघम sunday story : प्रेरणा दायक सफ़रनामा kk Bishnoi IPS विदेश में 30 लाख की नौकरी छोड़कर वापस अपने वतन आकर सिविल सर्विसेज़ की तैयारी आरंभ कर दूसरे प्रयास में बने पुलिस अधिकारी और उत्तर प्रदेश … Read more

Sports news-khel ratn award

वर्ष 2024 का खेल रत्न पुरस्कार एवं अर्जुन पुरस्कार की घोषणा Khel Ratna Award 2024 Winners: पेरिस ओलिंपिक में दो कांस्य पदक जीतकर इतिहास बनाने वाली युवा निशानेबाज मनु भाकर और सबसे युवा वर्ल्ड शतरंज चैंपियन डी गुकेश सहित चार खिलाडियों को देश के सर्वोच्च खेल पुरस्कार ‘खेल रत्न’ से सम्मानित किया जाएगा। खेल मंत्रालय … Read more

CUET PG ragistration start

CUET PG 2025 के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू, देखें संपूर्ण जानकारी यहां क्लिक करें ➡️ नोटिफिकेशन pdf CUET PG 2025: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने सीयूईटी पीजी 2025 के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। उम्मीदवार आज 3 जनवरी 2025 से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। उम्मीदवारों को आधिकारिक वेबसाइट cuetpg.ntaonline.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन … Read more

राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड (RSSB) ने बस कंडक्टर पद भर्ती परीक्षा

Sarkari Naukri: राजस्थान में 10वीं पास के लिए भर्ती Latest Sarkari Bharti : राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड (RSSB) ने बस कंडक्टर पदों के लिए उम्मीदवारों के आवेदन आमंत्रित किए है। इस भर्ती एक्रिया के जरिए कुल 500 बस  कंडक्टर भर्ती परीक्षा आयोजित की जाएगी। RSSB Recruitment 2024: राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड (RSSB) ने कंडक्टर पदों … Read more

veer bal divas

इस साल 17 बच्चों को मिलेगा प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार, वीर बाल दिवस पर राष्ट्रपति मुर्मू करेंगी सम्मानित   वीर बाल दिवस पर 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के कुल 17 बच्चों को सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार समारोह में 7 श्रेणियों में उल्लेखनीय योगदान के लिए 7 लड़कों और 10 लड़कियों को सम्मानित … Read more

Five states governor change

मणिपुर समेत 5 राज्यों के राज्यपाल बदले, आरिफ मोहम्मद खान को बिहार का प्रभार, देखें लिस्ट भारक की राष्ट्रपति ने बिहार, मणिपुर समेत कुल 5 राज्यों राज्यों के राज्यपाल बदल दिए हैं। आरिफ मोहम्मद खान को बिहार का प्रभार दिया गया है। राष्ट्रपति मूर्मु की ओर से राज्यपालों की नियुक्ति कर दी गई है। देश … Read more

Indian railway recruitment update

भारतीय रेलवे ने 32,000 से अधिक पदों पर निकाली भर्ती इंडियन रेलवे में निकली 32000 से अधिक पदों पर भर्ती, जानें कब से शुरू हो रहे आवेदन   रेलवे में नौकरी करने का मन है तो ये मौका खास आपके लिए आया है। रेलवे ने 32000 से अधिक पदों पर भर्ती निकाली है। आवेदन के … Read more

rte amendment act

पांचवीं और आठवीं की परीक्षा पास करने के मिलेंगे दो मौके फिर भी फेल हुए तो नहीं जा सकेंगे अगली क्लास में   निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार संशोधन नियम 2024 के तहत्    शिक्षा मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर पांचवीं और आठवीं की परीक्षा को लेकर नियमों में बदलाव किया है। अब विद्यार्थी … Read more

international relationship update

विशेष रिपोर्ट

स्विटजरलैंड  ने भारत से MFN दर्जा लिया वापस… नेस्ले विवाद के बाद एक्शन!

 

स्विट्जरलैंड ने भारत से मोस्ट फेवर्ड नेशन (MFN) का दर्जा वापस ले लिया है. स्विज सरकार के इस फैसले के बाद वहां काम करने वाली भारतीय कंपनियों को 1 जनवरी 2025 से ज्यादा टैक्स चुकाना होगा. स्विट्जरलैंड ने डबल टैक्स अवॉइडेंस एग्रीमेंट (DTAA) के तहत भारत को एमएनएफ राष्ट्र का दर्जा दिया था, जिसे अब वापस ले लिया है. ।
स्विट्जरलैंड की तरफ से शुक्रवार को ही बयान आया था कि भारतीय सुप्रीम कोर्ट के फैसले की वजह से उसे यह कदम उठाना पड़ा है. दरअसल, पिछले साल नेस्ले से संबंधित एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था कि DTAA तब तक लागू नहीं किया जा सकता जब तक कि इसे इनकम टैक्स एक्ट के तहत नोटिफाई न किया जाए. इसके बाद ही अब स्विज सरकार ने यह बड़ा कदम उठाया है.

 

MFN दर्जे के वापस लेने के बाद स्विट्जरलैंड 1 जनवरी, 2025 से उन भारतीय टैक्स निवासियों को डिविडेंड पर 10 प्रतिशत टैक्स लगाएगा, जो स्विस विदहोल्डिंग टैक्स के लिए रिफंड का दावा करते हैं और उन स्विस टैक्स सीटिजन के लिए जो विदेशी टैक्स क्रेडिट का दावा करते हैं.

MFN दर्जे के वापस लेने के बाद स्विट्जरलैंड 1 जनवरी, 2025 से उन भारतीय टैक्स निवासियों को डिविडेंड पर 10 प्रतिशत टैक्स लगाएगा, जो स्विस विदहोल्डिंग टैक्स के लिए रिफंड का दावा करते हैं और उन स्विस टैक्स सीटिजन के लिए जो विदेशी टैक्स क्रेडिट का दावा करते हैं.

बयान में आगे कहा गया कि स्विस वित्त विभाग ने इनकम पर टैक्स के संबंध में दोहरे टैक्सेशन से बचने के लिए स्विस और भारत के बीच समझौते के प्रोटोकॉल के MFN के आवेदन को निलंबित करने की घोषणा की. स्विट्जरलैंड ने MFN दर्जा वापस लेने के अपने फैसले के लिए नेस्ले से संबंधित एक मामले में भारतीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2023 के फैसले का हवाला दिया. इसका मतलब है कि स्विट्जरलैंड 1 जनवरी, 2025 से उस देश में भारतीय संस्थाओं पर 10 प्रतिशत टैक्स लगाएगा.

HC का फैसला बदला था सुप्रीम कोर्ट ने

बयान के अनुसार, 2021 में, नेस्ले मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने दोहरे टैक्स से बचाव समझौते में MFN खंड को ध्यान में रखते हुए टैक्स को बरकरार रखा था. हालांकि, भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने 19 अक्टूबर, 2023 के एक फैसले में लोअर कोर्ट के फैसले को पलट दिया और निष्कर्ष निकाला कि, एमएफएन खंड की प्रयोज्यता “आयकर अधिनियम की धारा 90 के अनुसार ‘अधिसूचना’ के अभाव में सीधे लागू नहीं थी”.

स्विस प्राधिकरण के फैसले पर टिप्पणी करते हुए, नांगिया एंडरसन एमएंडए टैक्स पार्टनर संदीप झुनझुनवाला ने कहा कि भारत के साथ अपनी टैक्स समझौते के तहत एमएफएन खंड के आवेदन का एकतरफा निलंबन द्विपक्षीय संधि की गतिशीलता में एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि इस निलंबन से स्विट्जरलैंड में काम करने वाली भारतीय संस्थाओं के लिए टैक्स देनदारियों में वृद्धि हो सकती है, जो एक उभरते वैश्विक परिदृश्य में अंतर्राष्ट्रीय टैक्स समझौता को नेविगेट करने की जटिलताओं को उजागर करता है.”

MFN क्या है ?

MFN का पूरा नाम है Most Favored Nation (सर्वाधिक अनुकूल राष्ट्र)। यह एक अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक अवधारणा है जिसका प्रयोग UNO (संयुक्त राष्ट्र संघ) की एक संस्था वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन (WTO) है. 164 देश इसके सदस्य हैं और इसके तहत आने वाले सभी देश एक दूसरे को मोस्ट फेवर्ड नेशन (MFN) का दर्जा देते हैं. इसका मुख्य उद्देश्य वैश्विक व्यापार में अवसर और गैर-भेदभावपूर्ण नीतियों को लागू करना है।यह दर्जा दिए जाने के बाद बिना किसी भेदभाव के सभी देश एक दूसरे के साथ आसनी से बिजनेस कर सकते हैं.

जब किसी देश को किसी अन्य देश द्वारा MFN दर्जा दिया जाता है, तो इसका अर्थ है कि उस देश को व्यापार में सबसे अधिक अनुकूल और विशेष शर्तें दी जाएंगी। हालांकि, यह दर्जा विशेष नहीं है बल्कि सामान्य सिद्धांत है कि सभी WTO सदस्य देशों को समान व्यापारिक सुविधाएं और रियायतें दी जाएं।

MFN के मुख्य बिंदु

1. गैर-भेदभाव: MFN के तहत, किसी भी देश को दी गई व्यापारिक रियायतें या लाभ सभी अन्य MFN देशों को भी मिलनी चाहिए।
2. व्यापार सुगमता: आयात शुल्क, करों, और अन्य व्यापारिक शर्तों में समानता बरती जाती है।
3. अंतरराष्ट्रीय व्यापार: इसका उद्देश्य सदस्य देशों के बीच व्यापारिक बाधाओं को कम करना है।

उदाहरण:
यदि भारत ने अमेरिका को किसी विशेष वस्तु पर कम आयात शुल्क देने का निर्णय लिया है, और यदि पाकिस्तान भारत का MFN भागीदार है, तो पाकिस्तान को भी वही आयात शुल्क की दर लागू करनी होगी।

महत्व:
1. वैश्विक व्यापार को बढ़ावा देना।
2. व्यापार में स्थिरता और पारदर्शिता लाना।
3. देशों के बीच अच्छे आर्थिक और कूटनीतिक संबंध स्थापित करना।
WTO के सभी सदस्य देशों के लिए MFN सिद्धांत लागू होता है, हालांकि इसके कुछ अपवाद भी हैं जैसे क्षेत्रीय व्यापार समझौते।

स्विटजरलैंड के इस फैसले पर भारत का पक्ष :

सरकार ने सोमवार को कहा कि दोहरे कराधान से बचाव के समझौते में ‘सर्वाधिक तरजीही देश’ (एमएफएन) का प्रावधान निलंबित करने के स्विट्जरलैंड के फैसले का भारत और ईएफटीए समूह के बीच व्यापार समझौते में जताई गई प्रतिबद्धताओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

स्विट्जरलैंड चार यूरोपीय देशों के समूह ईएफटीए का भी हिस्सा है जिसने भारत के साथ मार्च में व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए) के सदस्यों में आइसलैंड, लीकटेंस्टीन और नॉर्वे भी शामिल हैं।स्विट्जरलैंड इस समूह में शामिल देशों में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है।भारत के साथ मार्च में हुए व्यापार समझौते के तहत ईएफटीए देशों ने 100 अरब डॉलर की निवेश प्रतिबद्धता जताई थी। वहीं भारत ने स्विस घड़ियों, चॉकलेट और कटे एवं पॉलिश किए गए हीरों जैसे कई उत्पादों को कम या शून्य शुल्क पर आयात की अनुमति दी थी।हालांकि, भारत और ईएफटीए समझौते को अभी लागू किया जाना बाकी है। साथ ही ब्रिटेन ने मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के लिए बातचीत का सिलसिला अगले साल जनवरी में (14वें दोरे की  )दोबारा शुरू करने का सुझाव दिया है।

विशेष :
DTAA :Double Taxation Avoidance Agreement

DTAA का पूरा नाम Double Taxation Avoidance Agreement (द्विपक्षीय कराधान निवारण समझौता) है। यह एक ऐसा कर-समझौता है, जो दो देशों के बीच होता है ताकि किसी व्यक्ति या कंपनी पर एक ही आय पर दो बार कर न लगाया जाए।

DTAA का उद्देश्य
जब किसी व्यक्ति या संस्था की आय दो देशों में उत्पन्न होती है (उदाहरण के लिए भारत और अमेरिका), तो दोनों देशों द्वारा उस आय पर कर लगाया जा सकता है। DTAA का उद्देश्य इस दोहरे कराधान (Double Taxation) को रोकना है और कर-निर्धारण में पारदर्शिता तथा राहत प्रदान करना है।

DTAA की विशेषताएँ
1. दोहरे कराधान से राहत: करदाता को उस देश में कर छूट या कटौती मिलती है जहाँ समझौता लागू होता है।
2. आर्थिक संबंधों में सुधार: दो देशों के बीच व्यापार और निवेश को प्रोत्साहन मिलता है।
3. कर चोरी पर नियंत्रण: DTAA कर-चोरी को रोकने और आय की जानकारी साझा करने में मदद करता है।
4. उचित कर-निर्धारण: यह करदाताओं को कर की दर और किस देश में कितना कर देना है, इसका स्पष्ट समाधान देता है।

DTAA लागू करने की पृष्ठभूमि

DTAA को पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापारिक और आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए 20वीं सदी में लागू किया गया था।
भारत में DTAA: भारत ने कई देशों के साथ DTAA समझौते किए हैं।
भारत का पहला DTAA भारत और मिस्र के बीच 1969 में लागू हुआ था।
वर्तमान में भारत के लगभग 85 से अधिक देशों के साथ DTAA समझौते हैं, जिनमें अमेरिका, UK, जापान, जर्मनी, सिंगापुर, UAE और कई अन्य शामिल हैं।

DTAA के प्रकार
1. छूट विधि (Exemption Method): किसी देश में आय पर पूरी तरह से कर छूट दी जाती है।
2. कर-क्रेडिट विधि (Tax Credit Method): यदि किसी आय पर एक देश में कर चुका दिया गया है, तो दूसरे देश में उसी कर की छूट मिल जाती है।

महत्व:-
1. विदेशी निवेश को प्रोत्साहन
2. दो देशों के आर्थिक संबंध मजबूत करना
3. करदाताओं को राहत देना
4. व्यापार और आय के स्रोतों पर पारदर्शिता
संक्षेप में, DTAA दो देशों के बीच एक समझौता है जो अंतरराष्ट्रीय कराधान को आसान और न्यायसंगत बनाता है।

FTA

FTA का पूरा नाम Free Trade Agreement (मुक्त व्यापार समझौता) है। यह एक अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक समझौता है, जो दो या अधिक देशों के बीच किया जाता है ताकि व्यापारिक बाधाओं को कम या समाप्त किया जा सके। इसमें मुख्य रूप से आयात-निर्यात पर लगाए गए टैरिफ (शुल्क), कोटा, और नियमों को आसान बनाया जाता है।

FTA एक ऐसा समझौता है जिसमें शामिल देश एक-दूसरे के बीच व्यापार को बढ़ावा देने के लिए सीमा शुल्क (Custom Duties) और अन्य व्यापारिक बाधाओं को हटाने या कम करने पर सहमत होते हैं।

 

FTA का उद्देश्य:-


1. व्यापारिक बाधाओं को कम करना
2. निर्यात और आयात को बढ़ावा देना
3. आर्थिक विकास को गति देना
4. विदेशी निवेश को आकर्षित करना
5. रोजगार के नए अवसर पैदा करना

FTA की विशेषताएँ:

1. टैरिफ में कटौती: FTA के तहत शामिल देशों के बीच आयात-निर्यात पर टैरिफ और अन्य शुल्क घटाए या समाप्त किए जाते हैं।
2. गैर-टैरिफ बाधाओं का समाधान: जैसे- आयात कोटा, नीतिगत रुकावटें, और मानक प्रक्रियाओं को आसान बनाना।
3. सेवा क्षेत्र का समावेश: कई FTA में सेवाएँ (जैसे बैंकिंग, IT, शिक्षा और स्वास्थ्य) शामिल होती हैं।
4. निवेश को प्रोत्साहन: FTA देशों के बीच पूंजी प्रवाह को बढ़ाता है।
5. बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR): कई समझौतों में पेटेंट, कॉपीराइट और ट्रेडमार्क की सुरक्षा का भी प्रावधान होता है।

FTA के प्रकार:

1. बाईलेटरल FTA (Bilateral FTA): दो देशों के बीच समझौता।
2. रीजनल FTA (Regional FTA): किसी क्षेत्र के देशों के बीच समझौता (जैसे ASEAN)।
3. मल्टीलेटरल FTA (Multilateral FTA): कई देशों के बीच व्यापक व्यापार समझौता।

भारत के प्रमुख FTA:

भारत ने कई देशों और समूहों के साथ FTA समझौते किए हैं, जैसे:
1. SAFTA (South Asian Free Trade Area): दक्षिण एशियाई देशों के बीच व्यापारिक समझौता।
2. ASEAN-India FTA: भारत और ASEAN देशों के बीच।
3. CEPA (Comprehensive Economic Partnership Agreement): भारत और जापान, कोरिया के बीच।
4. India-UAE CEPA: भारत और UAE के बीच व्यापारिक बाधाओं को कम करने का समझौता।
5. RCEP (Regional Comprehensive Economic Partnership): हालाँकि भारत ने RCEP से बाहर रहने का निर्णय लिया।

FTA के लाभ:

1. उत्पादों की सस्ती कीमतें: टैरिफ में कमी के कारण वस्तुएँ सस्ती हो जाती हैं।
2. निर्यात में वृद्धि: भारतीय उत्पादों को अन्य बाजारों में अधिक अवसर मिलते हैं
3. प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार: भारतीय कंपनियाँ वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार होती हैं।
4. आर्थिक विकास: व्यापार के विस्तार से GDP में वृद्धि होती है।
5. रोजगार सृजन: व्यापार और निवेश बढ़ने से रोजगार के नए अवसर बनते हैं।
चुनौतियाँ
1. स्थानीय उद्योगों पर दबाव: सस्ते आयात से घरेलू उत्पादकों को नुकसान हो सकता है।
2. राजस्व हानि: आयात शुल्क में कटौती से सरकार को राजस्व में कमी हो सकती है।
3. व्यापार असंतुलन: कभी-कभी FTA के कारण आयात निर्यात से अधिक हो सकता है।
4. विनिर्माण क्षेत्र पर असर: आयात बढ़ने से घरेलू उत्पादन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

निष्कर्ष:

FTA का मुख्य उद्देश्य देशों के बीच व्यापार को सुगम बनाना और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है। हालाँकि इसके लाभ और चुनौतियाँ दोनों हैं, यह वैश्विक अर्थव्यवस्था में सहयोग और प्रतिस्पर्धा का एक महत्वपूर्ण माध्यम है।

 

 

 

 

 

Exit mobile version