नीट यूजी 2025 एग्जाम के लिए नया सिलेबस जारी कर दिया गया है. जिसे एग्जाम की तैयारी कर रहे उम्मीदवार आधिकारिक साइट पर जाकर चेक कर सकते हैं.
नीट यूजी 2025 परीक्षा देशभर के मेडिकल उम्मीदवारों के लिए एक बड़ी प्रतियोगी परीक्षा है. जिसका नया सिलेबस जारी किया गया है. राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) की तरफ से नीट यूजी 2025 परीक्षा के लिए नया सिलेबस जारी कर दिया गया है. ये सिलेबस मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों लिए बेहद जरूरी है. उम्मीदवार इस आधिकारिक वेबसाइट neet.nta.nic.in पर जाकर डाउनलोड कर सकते हैं.
एनटीए ने कहा है कि नीट यूजी 2025 का आयोजन नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) की तरफ से तैयार और अंतिम रूप से जारी सिलेबस के आधार पर ही किया जाएगा. यह परीक्षा एमबीबीएस, बीडीएस और अन्य स्नातक मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आयोजित की जाती है. एनटीए ने नोटिस में कहा यह स्यक्रम अंडरग्रेजुएट मेडिकल एजुकेश बार्ड (यूजीएमईबी), एनएमसी द्वारा तैयार किया गया है और इसे अंतिम रूप दिया गया है.
क्या है पात्रता?
नीट यूजी परीक्षा में बैठने के लिए उम्मीदवारों को 12वीं कक्षा में भौतिकी,रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान या जैव प्रौद्योगिकी को अतिरिक्त विषय के रूप में लेना अनिवार्य है. इसके अलावा जिन उम्मीदवारों के पात्रता प्रमाण पत्र पहले खारिज कर दिए गए थे वे भी अब इस परीक्षा में शामिल होने के योग्य हैं.
प्रत्येक वर्ष होता है आयोजन
नीट यूजी परीक्षा का आयोजन हर साल होता है. इस एग्जाम के लिए बड़ी संख्या में कैंडिडेट्स तैयारी करते हैं. हालांकि कुछ ही उम्मीदवार इसमें सफलता पा पाते हैं. ज्यादा डिटेल्स के लिए उम्मीदवार आधिकारिक साइट की मदद ले सकते हैं
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नीट-यूजी विवाद एवं उसके बाद गठित समिति के सुझाव
Neet UG exam 2024 हुए विवाद को लेकर एनटीए में सुधार हेतु राधाकृष्णन समिति का गठन 22 जून 2024 को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर किया गया था। इसरो के पूर्व प्रमुख के राधाकृष्णन अगुवाई में बनाई गई इस सात सदस्यीय समिति में जो और बड़े नाम शामिल किए गए थे, उनमें एम्स दिल्ली के पूर्व निदेशक रणदीप गुलेरिया, शिक्षाविद बी जे राव, के राममूर्ति, पंकज बंसल, आदित्य मित्तल के साथ शिक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव गोविंद जायसवाल को बतौर सदस्य शामिल हैं। समिति को परीक्षा प्रक्रिया में सुधार, डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल में सुधार और एनटीए के स्ट्रक्चर और कार्यप्रणाली आदि को लेकर अपनी सिफारिशें देनी थी।
समिति ने हाल ही में अपनी 165 पन्नों की रिपोर्ट प्रस्तुत की है, जिसमें कई महत्वपूर्ण सिफारिशें की गई हैं:
कई सत्रों में परीक्षा का आयोजन:
जब किसी परीक्षा में 2 लाख से अधिक प्रतिभागी हों, तो उसे कई सत्रों में आयोजित करने की सलाह दी गई है, जिससे परीक्षा प्रक्रिया अधिक सुगम और पारदर्शी हो सके।
कंप्यूटर आधारित परीक्षा (CBT) मोड:
नीट-यूजी और अन्य परीक्षाओं को कंप्यूटर आधारित टेस्ट मोड में आयोजित करने की सिफारिश की गई है, जिससे परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुरक्षा बढ़ेगी।
एनटीए का पुनर्गठन:
साल 2025-2026 तक नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) के पुनर्गठन की सिफारिश की गई है, जिसमें टेस्ट ऑडिट और पारदर्शिता के पहलुओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
नेतृत्व टीम की आवश्यकता:
एनटीए में अनुभव और कौशल के आधार पर एक मजबूत नेतृत्व टीम की आवश्यकता पर जोर दिया गया है, जिसमें वरिष्ठ अधिकारियों की नियुक्ति शामिल है।
परीक्षा केंद्र आवंटन नीति:
परीक्षा केंद्र आवंटन के लिए एक स्पष्ट नीति बनाने की सलाह दी गई है, जिसमें उम्मीदवारों के स्थायी और वर्तमान पते के आधार पर केंद्र आवंटित किए जाएं, ताकि परीक्षा प्रक्रिया में समानता बनी रहे।
ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों के लिए टेस्टिंग सेंटर:
ग्रामीण क्षेत्रों के उम्मीदवारों के लिए मोबाइल टेस्टिंग सेंटर स्थापित करने और प्रत्येक जिले में जनसंख्या के आधार पर सुरक्षित और केंद्रीकृत टेस्ट सेंटर बनाने की सिफारिश की गई है, जिससे सभी उम्मीदवारों को समान अवसर मिल सके।
शिकायत निवारण प्रणाली:
एनटीए को अपनी शिकायत निवारण प्रणाली को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के साथ जोड़कर और मजबूत बनाने की सलाह दी गई है, जिससे उम्मीदवारों की समस्याओं का त्वरित समाधान हो सके। इन सिफारिशों का उद्देश्य नीट-यूजी और अन्य बड़ी परीक्षाओं की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, सुरक्षित और उम्मीदवारों के लिए सुविधाजनक बनाना है।